नई दिल्लीः सिंगापुर में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले एक हफ्ते में यहा 965 कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई है। इससे पहले वाले हफ्ते में यहां कोरोना के 763 मामले सामने आए थे। इस दौरान गहन देखभाल इकाइयों यानी आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 23 से बढ़कर 32 […]
नई दिल्लीः सिंगापुर में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले एक हफ्ते में यहा 965 कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई है। इससे पहले वाले हफ्ते में यहां कोरोना के 763 मामले सामने आए थे। इस दौरान गहन देखभाल इकाइयों यानी आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 23 से बढ़कर 32 हो गई है। खबरों के अनुसार, नए मामलों में ज्यादातर संक्रमित JN.1 से पीड़ित हैं। यह कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BA.2.86 का एक उप-स्वरूप है। विशेषज्ञों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्दियों के मौसम और लोगों द्वारा मास्क नहीं पहनने के कारण से मामलों में वृद्धि हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना का नया सब-वैरिएंट जेएन.1 (JN.1) ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के तौर पर वर्गीकृत किया है। वहीं यह भी कहा गया कि इससे लोगों को अधिक खतरा नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि अब तक मिले आंकड़ों और हालात को देखते हुए जेएन.1 के वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को फिलहाल कम ही माना जा रहा है। बता दें, स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) ने बताया कि अभी तक मिली जानकारी और अंतरराष्ट्रीय-घरेलू आंकड़ों के आधार पर ऐसा कोई साफ़ संकेत नहीं है कि बीए.2.86 या जेएन.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हैं या अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
इससे पहले भारत में ‘जेएन.1’ का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल निवासी 79 वर्षीय एक महिला से लिए गए नमूने में मिला था। इससे पहले तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का एक यात्री सिंगापुर में ‘जेएन.1’ स्वरूप से संक्रमित मिला था। बीते एक सप्ताह में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आए मरीजों के सभी सैंपल में यह नया उप स्वरूप पाया गया है, जो वर्तमान में दुनिया के 40 से ज्यादा देशों में संक्रमण को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही देश के 11 राज्यों में कोरोना बढ़ रहा है। इससे लेकर सरकार ने सोमवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हालात की निगरानी करने का निर्देश दिया है।
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