चीन के बाद ब्रिटेन में कोरोना का कोहराम! सरकार छिपा रही है डेटा?

नई दिल्ली : चीन में कोरोना का हाहाकार देखने को मिल रहा है. आंकड़े इतने भयावह है कि सरकार पर इसे छपाने तक का आरोप है. चीन से लगतार ऐसी तस्वीरें आ रही हैं जिसे देखने के बाद चीन में कोरोना के कोहराम का अंदाजा लगाया जा सकता है. तस्वीरें सामने आने के बाद दुनिया […]

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चीन के बाद ब्रिटेन में कोरोना का कोहराम! सरकार छिपा रही है डेटा?

Riya Kumari

  • December 26, 2022 8:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : चीन में कोरोना का हाहाकार देखने को मिल रहा है. आंकड़े इतने भयावह है कि सरकार पर इसे छपाने तक का आरोप है. चीन से लगतार ऐसी तस्वीरें आ रही हैं जिसे देखने के बाद चीन में कोरोना के कोहराम का अंदाजा लगाया जा सकता है. तस्वीरें सामने आने के बाद दुनिया भर के लिए एक बार फिर दहशत में आ गए हैं. इसी बीच ब्रिटेन में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी मिल रही है. जहां ब्रिटेन में पांचवी लहर ने दस्तक दे दी है. ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि वह नए साल से कोरोना के आंकड़े भी जारी करना बंद कर देगी.

सरकार जारी नहीं करेगी डेटा

ब्रिटेन सरकार के इस फैसले से अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि देश में इस समय कोरोना की स्थिति बेहद खराब है. ब्रिटेन के लोग इस समय पांचवी लहर का सामना कर रहे हैं. हालांकि ब्रिटेन स्वास्थ्य प्रशासन ने इसके पीछे तर्क दिया है कि कोरोना वैक्सीन और दवाइयों की मदद से देश ने कोरोना के साथ जीना सीख लिया है. इसलिए ब्रिटेन सरकार अगले साल से कोरोना आंकड़े जारी नहीं करेगी. गौरतलब है कि इस साल अप्रैल महीने से ब्रिटेन सरकार ने कोरोना की रिप्रोडक्टिव रेट जारी करना शुरू किया था.

दिया ये तर्क

ब्रिटेन स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश में कोरोना को मॉनिटर करना जारी रखा जाएगा. जहां इसके अलावा अन्य कई बीमारियों पर भी नज़र रखी जाएगी. बताते चलें कि सभी जारी डेटा की समीक्षा की जाती है. और जब कोरोना का नया वेरिएंट सामने आता है तो इन्हें दोबारा पेश किया जाता है. ऐसे में ब्रिटेन का यूं कोरोना आंकड़ों पर लगाम लगाना संदेहात्मक भी है. छह जनवरी 2023 को देश आखरी आंकड़े जारी करेगा. किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर टिम स्पैक्टर ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि देश में इस समय आंकड़े बढ़ रहे हैं. इसके बाद इन आंकड़ों में गिरावट आ सकती है. 17 से 23 दिसंबर के बीच हफ्तेभर में करीब 40 हजार नए मामले देखने को मिले थे. 283 लोगों की मौत भी हुई लेकिन 22 और 23 दिसंबर को एक भी मौत नहीं दर्ज़ की गई.

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