नई दिल्ली। उत्तर कोरिया में कोरोना महामारी धीरे-धीरे विकराल रूप लेती जा रही है। पिछले तीन दिनों में देश में इससे 42 मरीजों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटे के भीतर देश में कोरोना से 15 मौतें हुई हैं। स्पुतनिक एजेंसी ने उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसी केसीएनए के हवाले से बताया कि उत्तर कोरिया में कोरोना के करीब तीन लाख नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद यहां कोरोना के कुल मामले साढ़े आठ लाख पहुंच गए हैं.
गुरुवार को ही उत्तर कोरिया में कोरोना महामारी की पहली लहर की घोषणा की गई। इस दौरान देश में कई लोगों के कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में ओमिक्रोन वेरिएंट ने सबसे ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल के अंत से देश में कई लोग बुखार से पीड़ित हैं।
शुक्रवार को ही देश में कोरोना से पहली मौत दर्ज की गई। शनिवार को भी देश भर में कम से कम छह मौतों की पुष्टि हुई थी। नार्थ कोरिया के आला अधिकारियों के मुताबिक कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य प्रमुख किम जोंग उन ने पोलित ब्यूरो की बैठक बुलाई जिसमें इस महामारी से निपटने पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद देश में महामारी को नियंत्रित करने के लिए अधिकतम आपातकालीन उपाय करने की घोषणा की गई। आपको बता दें कि देश में इस महामारी की घोषणा के बाद ही यहां लॉकडाउन लगाया गया है। महामारी के बाद से किम जोंग उन की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें वह मास्क पहने नजर आ रहे हैं।
किम जोंग उन ने एक न्यूज़ एजेंसी को बताया है कि देश आजादी के बाद पहली बार सबसे महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है। देश में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। उन्होंने इस महामारी को रोकने के लिए हर संभव उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए जो भी कदम उठाने जरूरी हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि पिछले दो वर्षों में जब यह महामारी पूरी दुनिया में फैली, तब उत्तर कोरिया ने इस बात से इनकार किया कि उनके यहां कोई मामला नहीं है। लेकिन अब दो साल बाद उत्तर कोरिया इस महामारी को लेकर मुश्किलों से घिरा हुआ नजर आ रहा है। किम ने सभी अधिकारियों से साफ तौर पर कहा है कि महामारी को रोकने के लिए हर स्तर पर कड़े कदम उठाने से न हिचकिचाएं।
किम ने भी महामारी को फैलने से रोकने के लिए सीमा को सख्ती से लागू किया है। इसके अलावा समुद्री सीमाओं और बाहर से आने वालों पर कड़ी नजर रखने का फैसला किया गया है। यानहॉप एजेंसी ने कहा है कि कई मरीजों के सैंपल जांच में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई है। उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि वह अपने नागरिकों को इलाज मुहैया कराने में पूरी तरह सक्षम है और सभी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहा है।
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