नई दिल्ली : पाकिस्तान की आर्थिक समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान सरकार के सामने चिंता जाहिर की है। आईएमएफ ने कहा है कि विपक्ष कड़े आर्थिक फैसलों के लागू करने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन सकता है. आईएमएफ ने शहबाज सरकार से […]
नई दिल्ली : पाकिस्तान की आर्थिक समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान सरकार के सामने चिंता जाहिर की है। आईएमएफ ने कहा है कि विपक्ष कड़े आर्थिक फैसलों के लागू करने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन सकता है. आईएमएफ ने शहबाज सरकार से प्रोग्राम रिव्यू को पूरा करने के लिए सभी शर्तों को पूरा करने का आग्रह किया है. बता दें कि पाकिस्तान को आर्थिक संकट से निकलने के लिए कर्ज की जरूरत है.
इसके लिए पाकिस्तान को IMF की शर्तों को पूरा करना होगा. आने वाले समय में पाकिस्तान में जनता पर टैक्स का बोझ और बढ़ सकता है. IMF ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि पाकिस्तान को डिफॉल्ट से बचाने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने में विपक्ष की भूमिका पर चिंता जाहिर की है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने 10 दिन के शुरूआती बातचीत के दौरान इन चिंताओं को व्यक्त किया है. इसका प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री इशाक डार ने किया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक IMF के हवाले से कहा कि संस्था को चिंता हो रही है कि विपक्ष अतिरिक्त टैक्स लागू करने के तरीके में समस्याएं पैदा कर सकता है. पाक सरकार अतिरिक्त टैक्स लगाने पर विचार कर रही है. पाकिस्तान की सरकार ने बिजली के दाम बढ़ाने की योजना पर काम भी शुरू कर दिया है. पाक वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार राजनीतिक संवाद में विश्वास करती है.
पाकिस्तान की सरकार अतिरिक्त टैक्स लागू करने पर विचार करने के साथ-साथ कानूनी दांव पेच से भी बचना चाहती है. पाक सरकार चाह रही है कि अतिरिक्त टैक्स को इस तरह से लागू किया जाए, जिससे देश में आक्रोश न पैदा हो और विपक्ष कोई अड़गा न लगा पाए. लेकिन पाकिस्तान के लोगों को पहले से ही महंगाई सता रही है, इसी बीच अतिरिक्त टैक्स के बोझ से देश में आक्रोश पैदा हो सकता है. पीएम शहबाज शरीफ को डर सता रहा है कि आने वाले चुनाव में इसका नुकसान न उठाना पड़ जाए.
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