नई दिल्ली: समय परिवर्तन होने में देर नहीं लगती. ईश्वर कब किसी को अमीर से गरीब बना दे और गरीब से अमीर, इस बात का किसी को पता नहीं होता. ऐसे ही भारतीय मूल के संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले बिजेनसमैन बवागुथु रघुराम शेट्टी के साथ हुआ है. बीआर शेट्टी के नाम से उन्हें […]
नई दिल्ली: समय परिवर्तन होने में देर नहीं लगती. ईश्वर कब किसी को अमीर से गरीब बना दे और गरीब से अमीर, इस बात का किसी को पता नहीं होता. ऐसे ही भारतीय मूल के संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले बिजेनसमैन बवागुथु रघुराम शेट्टी के साथ हुआ है. बीआर शेट्टी के नाम से उन्हें जाना जाता है. साल 1973 में मात्र 665 रुपये यूएई गए बीआर शेट्टी की किस्मत ने ऐसा पलटा कि वो अरबपति बन गए. लेकिन साल 2019 में एक शार्ट सेलिंग फर्म के एक ट्वीट ने उनको कंगाल कर दिया. इस ट्वीट में बताया गया था कि बीआर शेट्टी की कंपनियों पर काफी कर्ज है जिसकी उन्होंने जानकारी नहीं दी है. यह ट्वीट बीआर शेट्टी पर इतना महंगा पड़ा कि उन्हें कभी 18 हजार करोड़ की कीमत वाली अपनी कंपनी एनएमसी हेल्थकेयर को मात्र 74 रुपये में बेचना पड़ा।
आपको बता दें कि 1942 में कर्नाटक के उडूप्पी जिले के एक गांव में जन्में बीआर शेट्टी का नाम साल 2019 में फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में भी शामिल रहा है. वहीं भारत सरकार ने साल 2009 में उन्हें पदम श्री सम्मान दिया था. साल 2007 में बीआर शेट्टी को अमीरात का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द आबूधाबी अवार्ड्स’ भी दिया गया था।
साल 1973 में बीआर शेट्टी यूएई गए थे और उनके पास मात्र 365 रुपये थे. उन्होंने वहां पर मेडिकल रिप्रजेंटेटिव की नौकरी की. बीआर शेट्टी ने जमकर मेहनत की और कुछ ही समय बाद अपना हॉस्पिटल बना लिया और उनकी डॉक्टर पत्नी उस हॉस्पिटल को संभालती थी. इसके बाद उन्होंने एनएमसी हेल्थ नाम से एक हेल्थ कंपनी बनाई और देखते ही देखते संयुक्त अरब अमीरात की यह सबसे बड़ी हेल्थ कंपनी बन गई जो संयुक्त अरब अमीरात के साथ ही कई और देशों में भी अस्पतालों का संचालन करती थी. यह कंपनी लंदन स्टॉक एक्सचेंज में भी पूर्ण रूप से सूचीबद्ध थी।
1980 में बीआर शेट्टी ने संयुक्त अरब अमीरात एक्सचेंज नाम की कंपनी का अधिग्रहण किया. यह कंपनी संयुक्त अरब अमीरात में काम करने वाले बाहरी लोगों को अपने देश पैसा आसानी से भेजने में सहायता करती है. साल 2016 में संयुक्त अरब अमीरात एक्सचेंज के 31 देशों में 800 कार्यालय थे. बीआर शेट्टी ने साल 2003 में फार्मास्यूटिकल कंपनी एनएमसी नियोफार्मा शुरू की. कुछ ही सालों में बीआर शेट्टी का नाम दुबई समेत विश्व के अमीर लोगों की लिस्ट में आ गया. वहीं विश्व की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा में 25 मिलियन डॉलर में बीआर शेट्टी ने 2 प्लोर खरीदे थे।