नई दिल्ली, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन श्रीलंका के लोगों की मदद करना चाहते हैं. इसी बीच उनके इस अनुरोध को स्वीकार करने के लिए उन्होंने विदेश मंत्री इस जयशंकर को निजी तौर पर धन्यवाद किया है. जहां सीएम ने विदेश मंत्री के आगे कोई ऐसी शर्त रखी थी जिसपर उन्होंने अपनी मंजूरी दे दी. […]
नई दिल्ली, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन श्रीलंका के लोगों की मदद करना चाहते हैं. इसी बीच उनके इस अनुरोध को स्वीकार करने के लिए उन्होंने विदेश मंत्री इस जयशंकर को निजी तौर पर धन्यवाद किया है. जहां सीएम ने विदेश मंत्री के आगे कोई ऐसी शर्त रखी थी जिसपर उन्होंने अपनी मंजूरी दे दी.
भारत का छोटा सा द्वीप वाला पड़ोसी देश इस समय आर्थिक संकट के सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा है. जहां पूरे विश्व समेत श्रीलंका की आस अब भारत से भी जुडी है की वह आगे आकर उसकी मदद करेगा. इसी कड़ी में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने श्रीलंका के लिए राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया था. इसमें विदेश मंत्रालय से श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट को कम करने और मदद के लिए वहां भारत से मानवीय मदद भेजने की मांग रखी गयी थी. इस बारे में स्टालिन की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र भी लिखा गया था. जिसपर उन्होंने मंजूरी दे दी है.
इस पत्र में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने विदेश मंत्री जयशंकर को अपनी इस मदद के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. जिसमें उन्होंने आगे भी इस प्रकार की मदद करने का प्रस्ताव रखा है. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि तमिलनाडु के मुख्य सचिव मदद के लिए केंद्र सरकार के संपर्क में रहेंगे. डीएमके के सांसद टीकेएस इलैंगोवन का कहना है कि उन्हें वहां के लोगों की मदद करनी चाहिए. उनके शब्दों में, श्रीलंका हमारा करीबी पडोसी देश है. जहां हमें खाद्यान्न और दवाओं की कमी झेल रहे वहाँ के लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. इसलिए हमने विदेश मंत्री से उनके सहयोग की मांग की थी. विदेश मंत्री ने कहा कि हम ऐसा कर सकते हैं और हम इसका स्वागत करते हैं.
श्रीलंका इस समय अपने सबसे भयावह आर्थिक संकट को झेल रहा है. श्रीलंका का संकट भारत पर गहरा प्रभाव रखता है. दक्षिण भारत से सटा ये छोटा सा द्वीप हिन्दुस्तान की सरहदों से कुछ ही दूर है. यदि वहां के नागरिक खुद को किसी खतरे में पाते हैं तो वहां की तमिल आबादी तमिलनाडु में पलायन करने लगती है. ऐसा पहले भी हुआ है जब दशकों तक जारी श्रीलंका के गृहयुद्ध के दौरान लाखो तमिल भाषी लोग तमिलनाडु में पलायन कर गए थे. भारी बेरोज़गारी और आर्थिक संकट के बीच एक बार फिर से श्रीलंकाई लोग भारत पलायन कर रहे हैं.
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