पाकिस्तान में एक बार फिर ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है. इस बार शिकार बने हैं एक ईसाई धर्म के शख्स, जिन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी. यह मामला देश में धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है. ईशनिंदा कानून का सख्त […]
ईशनिंदा कानून का सख्त प्रावधान
मामला और प्रतिक्रियाएं
इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींचा है. कई देशों और मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान से इस कानून में सुधार करने और धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने की अपील की है। वे मानते हैं कि इस तरह के सख्त कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के खिलाफ हैं.
पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपों पर मौत की सजा का यह मामला अकेला नहीं है। पहले भी कई बार इस कानून के तहत सख्त सजा दी जा चुकी है, जो कि धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरता को दर्शाता है। देश में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं.
इस मामले ने एक बार फिर से पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में इस कानून में कोई सुधार होता है या नहीं.
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