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पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में गैर-मुस्लिम शख्स को मौत की सजा, सोशल मीडिया पर किया था आपत्तिजनक पोस्ट

पाकिस्तान में एक बार फिर ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है. इस बार शिकार बने हैं एक ईसाई धर्म के शख्स, जिन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी. यह मामला देश में धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है. ईशनिंदा कानून का सख्त […]

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पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में गैर-मुस्लिम शख्स को मौत की सजा, सोशल मीडिया पर किया था आपत्तिजनक पोस्ट
  • July 1, 2024 10:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

पाकिस्तान में एक बार फिर ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है. इस बार शिकार बने हैं एक ईसाई धर्म के शख्स, जिन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी. यह मामला देश में धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है.

ईशनिंदा कानून का सख्त प्रावधान

पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून बहुत सख्त हैं और इनके तहत दोषी पाए जाने पर मौत की सजा भी दी जा सकती है। इस कानून के तहत इस बार एक ईसाई व्यक्ति को दोषी पाया गया है, जिसने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी. उस पोस्ट को ईशनिंदा के रूप में देखा गया और अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई.

मामला और प्रतिक्रियाएं

यह घटना पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता और ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग पर एक बार फिर से चर्चा छेड़ रही है। मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि यह कानून अक्सर धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल होता है.

इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींचा है. कई देशों और मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान से इस कानून में सुधार करने और धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने की अपील की है। वे मानते हैं कि इस तरह के सख्त कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के खिलाफ हैं.

पाकिस्तान की स्थिति

पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपों पर मौत की सजा का यह मामला अकेला नहीं है। पहले भी कई बार इस कानून के तहत सख्त सजा दी जा चुकी है, जो कि धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरता को दर्शाता है। देश में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं.

इस मामले ने एक बार फिर से पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में इस कानून में कोई सुधार होता है या नहीं.

 

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