नई दिल्ली: बीते दिनों अमेरिकी फाइटर जेट ने चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच गहमा गहमी का माहौल है.एक ओर ड्रैगन आगबबूला हो रहा है तो वहीं अब अमेरिका ने ड्रैगन के जासूसी गुब्बारे की पोल खोलनी शुरू कर दी है.
मिल सकती है खुफिया जानकारी
अमेरिका ने चीनी स्पाई गुब्बारे को लेकर जो बयान दिया है उसमें कहा गया है कि चीनी जासूसी गुब्बारा 200 फुट ऊंचा था. इसके अलावा ये जासूसी गुब्बारा अपने साथ बड़े यात्री विमान के बराबर वजनी पेलोड लेकर जा रहा था. कई विशेषज्ञों ने इस बात का दावा किया है कि इस गुब्बारे में विस्फोटक भी लगा हुआ हो सकता है। अमेरिकी नौसेना ने इस बात की जांच करनी शुरू कर दी है. पेंटागन के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि भी की है. उम्मीद जताई जा रही है कि गुब्बारे के मलबे के नीचे चीन के पूरे जासूसी नेटवर्क के बारे में बड़ा खुलासा हो सकता है.
दोनों देशों के बीच गहमा गहमी
एक समाचार चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक इस गुब्बारे का वजन हजारों किलो था. इसमें खुद को भी तबाह करने के लिए विस्फोटक भी लगा हुआ था. हालांकि इससे पहले अमेरिका के एफ-22 फाइटर जेट ने इसे मार गिराया. फिलहाल अमेरिकी अधिकारी अब इसके मलबे को दक्षिणी कैरोलिना में समुद्र के अंदर से निकाल रहे हैं. अमेरिका और चीन के बीच इस चीनी जासूसी गुब्बारे से रिश्ते काफी खराब हो गए हैं. इतना ही नहीं इस मामले को देखते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपनी चीन यात्रा तक को स्थगित कर दिया है।
मलबे में मिलेंगी जानकारी
पेंटागन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिकी नौसेना सोनार का इस्तेमाल करके इस गुब्बारे के मलबे को निकालने का प्रयास कर रही हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रेस सेक्रेटरी के अनुसार इस मलबे से काफी खुफिया सूचनाएं हाथ लग सकती हैं. चीन के जासूसी गुब्बारों के बारे में काई अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती है. उनका कहना है कि इसी कारण से जासूसी गुब्बारे को समुद्र में गिराया ताकि चीनी गुब्बारे के मलबे को हासिल किया जा सके।