नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जंग को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है। अभी भी दोनों देशों में से कोई भी युद्ध के मैदान से पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सोमवार को तीन दिवसीय दौरे पर मॉस्को पहुंचे। वहां उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच साढ़े चार घंटे तक बातचीत हुई। इसके बाद आज जिनपिंग और पुतिन के बीच मीटिंग होगी। बता दें कि, इस बैठक पर अमेरिका, भारत समेत कई देशों की नजरें हैं।
इससे पहले, सोमवार को बीजिंग और क्रेमलिन की तरफ से एक संदेश जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि दोनों राष्ट्रपतियों के बीच बातचीत का मुख्य एजेंडा रूस-यूक्रेन युद्ध होगा। बीजिंग की ओर से एक 12 प्वाइंट का एजेंडा भी जारी किया गया है, जिसके अनुसार बैठक का फोकस जंग रुकवाने के साथ ही कोल्ड वॉर वाली मानसिकता के साथ टकराव को खत्म करने का होगा। इसके साथ ही न्यूक्लियर पावर प्लांट की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी बातचीत होगी।
बता दें कि, जहां चीन ने रूस के साथ शांति प्रस्ताव का स्वागत किया है, वहीं अमेरिका ने शी जिनपिंग की शांति की बातों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अमेरिका ने कहा है कि जब तक रूस अपनी सेनाओं को वापस नहीं बुलाता तब तक शांति की बातों का कोई अर्थ नहीं है। इसके साथी ही अमेरिका ने ये भी आरोप लगाया कि इन दोनों नेताओं की मुलाकात यूक्रेन के खिलाफ कोई चाल हो सकती है।
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