चीन की राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा कर सबको चौका दिया है. विदेशों में तैनात चीनी अधिकारियों को सेक्स ट्रैप और ब्लैकमेल के जरिए उसे फंसाकर सीक्रेट सबूत लीक करवाई. एक अधिकारी जिसका नाम झांग था. उसको फंसाने के बाद ब्लैकमेल करके कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल किए. फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय ने झांग को गिरफ्तार कर लिया है.
China Spying: चीन में एक सनसनीखेज घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. चीनी राज्य सुरक्षा मंत्रालय (MSS) ने हाल ही में खुलासा किया कि विदेशों में तैनात कई चीनी अधिकारियों को सेक्स ट्रैप और ब्लैकमेल के जाल में फंसाकर देश के गोपनीय दस्तावेज लीक करवाए गए. इस मामले में झांग नाम का एक अधिकारी मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया है. जिसे विदेशी जासूसी एजेंसी ने अय्याशी के बहाने अपने चंगुल में फंसाया और फिर उससे संवेदनशील जानकारियां हासिल कीं. चीनी राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने झांग को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की है.
चीन की खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि झांग जो एक सरकारी संस्था में कार्यरत था. जो विदेश में पोस्टिंग के दौरान महंगे क्लबों और शानदार पार्टियों का शौकीन हो गया था. इसी दौरान उसकी मुलाकात ली नाम के एक विदेशी व्यक्ति से हुई. जो एक बिजनेस संगठन से जुड़ा था. ली ने झांग को लगातार हाई-प्रोफाइल आयोजनों में आमंत्रित किया और उसकी कमजोरी को भांप लिया. MSS के अनुसार ‘झांग ने ली के सामने विशेष सेवाओं में रुचि दिखाई’. जिसके बाद जासूसी एजेंसी ने अपने प्लान को अंजाम देना शुरू किया.
ली ने झांग की कमजोरी का फायदा उठाते हुए उसे एक सुनियोजित सेक्स ट्रैप में फंसाया. उसे एक वेश्यावृत्ति से जुड़े क्लब में ले जाया गया. जहां स्थानीय कानून प्रवर्तन ने उसे पकड़ लिया. डरे हुए झांग ने ली से मदद मांगी. लेकिन यह सारा खेल पहले से रचा गया था. ली के कथित ‘भाई’ ने, जो वास्तव में एक जासूस था. झांग को रिहा करने के नाम पर उससे सौदेबाजी शुरू की. इसके बाद झांग को धमकी दी गई कि अगर उसने सहयोग नहीं किया तो उसकी हरकतें सार्वजनिक कर दी जाएंगी. डर और दबाव में झांग ने गोपनीय दस्तावेज सौंपने शुरू कर दिए.
MSS की रिपोर्ट के मुताबिक झांग ने विदेशी जासूसी एजेंसी को कई महत्वपूर्ण सैन्य और राजनीतिक दस्तावेज लीक किए. उसने इन सूचनाओं को प्रिंट, फोटोग्राफी और मौखिक रूप से साझा किया. इतना ही नहीं उसने चीन लौटने के बाद भी जासूसी जारी रखने का वादा करते हुए एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक MSS ने राष्ट्रीय सुरक्षा जांच के दौरान उसकी गतिविधियों को पकड़ नहीं लिया. जांच में पता चला कि झांग ने शी जिनपिंग सरकार के कई अहम रहस्य विदेशी हाथों में सौंप दिए थे.
झांग के चीन लौटते ही MSS ने उसे हिरासत में ले लिया. उस पर देशद्रोह और गोपनीय जानकारी लीक करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. चीनी खुफिया एजेंसी ने इस मामले को सार्वजनिक करते हुए अपने सभी अधिकारियों को विदेश में सतर्क रहने की चेतावनी दी है.
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