Chinese Foreign Minister in India: नई दिल्ली, कश्मीर पर तल्ख़ बयान देने के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी (China’s foreign minister Wang Yi ) गुरुवार देर शाम दिल्ली पहुंचे (Chinese Foreign Minister in India) हैं. दिल्ली पहुंचने के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत के विदेश मंत्री जयशंकर और NSA अजित डोभाल […]
नई दिल्ली, कश्मीर पर तल्ख़ बयान देने के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी (China’s foreign minister Wang Yi ) गुरुवार देर शाम दिल्ली पहुंचे (Chinese Foreign Minister in India) हैं. दिल्ली पहुंचने के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत के विदेश मंत्री जयशंकर और NSA अजित डोभाल समेत कई मंत्रियों से मुलाकात करेंगे.’
Chinese Foreign Minister Wang Yi arrives in Delhi
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— ANI Digital (@ani_digital) March 24, 2022
खबरों के वांग यी शुक्रवार (25 मार्च) को विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करने वाले हैं. गौरतलब है, चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब उनके कश्मीर वाले बयान पर बवाल मचा हुआ है.
दरअसल, बीते दिनों इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) की एक बैठक हुई थी, जिसमें पाकिस्तान ने जोर-शोर से कश्मीर का मुद्दा उठाया था. बैठक में शामिल चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी इसपर अपनी टिपण्णी दी थी. उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर कहा था कि, ‘कश्मीर पर आज हमने फिर से कई इस्लामिक दोस्तों की बातों को सुना है, इस मुद्दे पर चीन को भी यही उम्मीदें हैं.”
Our response to media queries on reference to Union Territory of Jammu & Kashmir made by Chinese Foreign Minister in his speech to Organisation of Islamic Cooperation in Pakistan:https://t.co/0VrVAR9tOT pic.twitter.com/pxvhD9G3Vm
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 23, 2022
कश्मीर पर चीनी विदेश मंत्री के इस बयान के बाद भारत ने अपनी कड़ी आपत्ति जताई थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसपर कहा था कि ओआईसी के उद्घाटन समारोह में अपने भाषण के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत को लेकर जो कहा और जो संदर्भ दिया, वो गैरजरूरी था और भारत इसे खारिज करता है. बागची ने ट्वीट कर ये भी कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का मामला पूरी तरह से भारत का अंदरूनी मामला है, इसमें चीन हो या कोई भी देश हो उसे टिपण्णी का कोई अधिकार नहीं है. देशों को इसपर ध्यान देना चाहिए कि भारत भी उन देशों के अंदरूनी मसलों पर सार्वजनिक बयान देने से परहेज करता है.