नई दिल्ली: पौराणिक कथाओं के अनुसार हम बचपन से ही महाभारत और रामायण के किस्से सुनते आ रहे हैं। इनमें से कुछ किस्से यह हैं कि किस प्रकार इन कथाओं में इलाज होता था। जैसे रामायण में लक्ष्मण को तीर लगने पर किस प्रकार रावण के राजवैद्य सुषेण ने लक्ष्मण का उपचार किया था और महाभारत में अर्जुन की दो बार मृत्यु हो जाने के बाद भी उन्हें प्लास्टिक सर्जरी करके जीवित किया जाता है।
इसी प्रकार बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि किस प्रकार सैनिक युद्ध में लड़ते समय घायल हो जाया करते थे और उनके हाथ-पैर टूट जाया करते थे। तब बड़ी कुशलता से शल्य चिकित्सा या सर्जरी से उन्हें स्वस्थ किया जाता था।
क्या आपको इन सभी उदाहरणों से नहीं लगता कि प्राचीन काल में चिकित्सा कितनी विकसित थी? आयुर्वेद या फिर शल्य चिकित्सा, पुराण, महाभारत काल हो या रामायण, चिकित्सा का स्तर काफी विकसित था, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह टेक्नोलॉजी प्राचीन काल से चली आ रही है। आपको बता दें कि इसी प्रकार चीन में सेटेलाइट और रोबोट के जरिए सर्जरी की गई है, तो चलिए जानते हैं पूरी बात।
चीन ने विश्व में पहली सैटेलाइट आधारित अल्ट्रा-रिमोट सर्जरी की है और इस सर्जरी में चीन को सफलता प्राप्त हुई है। यह एक एडवांस चिकित्सा साबित हुई है। यह टेक्नोलॉजी दूर युद्ध में लड़ रहे सैनिकों की सहायता करेगी। चीन के सरकारी टीवी से यह जानकारी मिली है कि पृथ्वी से 36,000 किमी ऊपर Apstar-6D एक उच्च-थ्रूपुट कम्यूनिकेशन उपग्रह है, जिसका उपयोग करते हुए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी जनरल अस्पताल के डॉक्टरों ने तिब्बत के ल्हासा, युन्नान के दाली और हैनान के सान्या से दूर से पांच ऑपरेशन किए हैं और इसमें उन्हें सफलता प्राप्त हुई है।
चीन ने स्वदेशी सर्जिकल रोबोट सिस्टम के जरिए बीजिंग में रहने वाले मरीजों के लीवर, गॉलब्लैडर या अग्न्याशय की सर्जरी की है और सभी सर्जरी सफल रही हैं। सभी मरीजों के ठीक होने की पुष्टि की गई है। सभी मरीजों को अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। चीनी मीडिया ने रोबोट के डाटा ट्रांसफर में कुल 1,50,000 किलोमीटर की दूरी दर्ज की है। यह अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों ही स्तर पर पहली बार हुआ है।
चीन की यह सैटेलाइट शल्य चिकित्सा चीन के पर्वतों और जलडमरूमध्य तक फैली हुई है। चीन की यह राष्ट्रीय टेक्नोलॉजी और रोबोट सिस्टम लंबी दूरी के जटिल ऑपरेशनों को सफल बना रहा है, जो आने वाले भविष्य में गंभीर चोटों के इलाज को सही करने में सहायक होगा।
Apstar-6D एक उच्च-थ्रूपुट कम्यूनिकेशन उपग्रह है, जिसे 2020 में लॉन्च किया गया था। इसकी जीवनकाल मात्र 15 साल है। इसकी क्षमता 50 जीबी प्रति सेकंड है और यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कवर करता है। यह धरती के एक तिहाई भाग की निगरानी करता है। रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया है कि इस ऑपरेशन ने दूर की सर्जरी को ‘पूरी तरह से सामान्य और कमर्शियल क्लिनिकल प्रैक्टिस’ बनने के करीब ला दिया है। यह बिलकुल अद्भुत है। इसके जरिए 24/7 वैश्विक रूप से कवरेज किया जा सकेगा। दुनिया भर में किसी भी स्थान पर सर्जिकल इलाज सक्षम बनाया जा सकेगा।
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