नई दिल्ली: हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागिरी कम नहीं हो रही है, आये दिन चीन कभी जापान तो कभी ताईवान के साथ उलझा रहता है. अब उसके इस आक्रामक रवैये के खिलाफ अमेरिका जवाब देने के लिए खड़ा होता दिख रहा है. अमेरिका ने साफ कर दिया है कि जो देश चीन के खिलाफ […]
नई दिल्ली: हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागिरी कम नहीं हो रही है, आये दिन चीन कभी जापान तो कभी ताईवान के साथ उलझा रहता है. अब उसके इस आक्रामक रवैये के खिलाफ अमेरिका जवाब देने के लिए खड़ा होता दिख रहा है. अमेरिका ने साफ कर दिया है कि जो देश चीन के खिलाफ होंगे पेंटागन उनका साथ देगा. इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ताईवान को 34.5 करोड़ US डॉलर की सैन्य मदद देने का ऐलान किया है.
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन इस समय ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं. वह ऑस्ट्रेलिया परमाणु पनडुब्बी के समझौते के लिए गए हुए हैं. इस वार्ता के दौरान ब्रिस्बेन में लॉयड ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र के साथ दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा की चीन अवैध तरीके से खुले सागरीय क्षेत्र में संसाधनों के दोहन करने के साथ उसको अपना क्षेत्र बताता है. उसके इस रवैये का जवाब अमेरिका देता रहा है और आगे भी देता रहेगा. साथ ही चीन के विरोध में जो भी देश खड़ा होगा उसका सहयोग अमेरिका करेगा.
चीन के आक्रामक रुख और दक्षिण चीन सागर में उसके दावों से वाशिंगटन-चीन के बीच संबंध हाल के महीनों में और बिगड़े हैं. चीन अमेरिका को हर मुद्दे पर चुनौती दे रहा है. इसलिए अब अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नए सहयोगियों को जोड़ने में लगा है. इसी क्रम में ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बी सौंपने अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्ट्रेलिया पहुंचे है.
चीन से तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने ताइवान को 34.5 करोड़ US डॉलर के सैन्य सहायता की घोषणा की है. साथ ही उन्होंने ताइवान को हथियारों की नई खेप देने की मंजूरी दी है.
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