China 6th Gen Fighter Jet : चीन ने एक साथ दो छठवीं पीढ़ी के फाइटर जेट का परीक्षण कर दुनियाभर में हलचल मचा दी थी. वहीं, अब भारत को अब दो छठवीं पीढ़ी के फाइटर जेट का ऑफर मिला है.
नई दिल्ली: हाल ही में चीन ने अपने दो छठी पीढ़ी के फाइटर जेट का एक साथ परीक्षण किया, जो दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है। इन विमानों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और कई देशों ने चीन के इन विमानों को अपनी सुरक्षा के लिए एक चुनौती के रूप में देखा है। जहां भारत के पास फिलहाल कोई 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट नहीं है, वहीं चीन ने 6वीं पीढ़ी के फाइटर जेट के परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसके अलावा, पाकिस्तान भी चीन से 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रहा है, जबकि भारत ने हाल ही में 4.5 पीढ़ी के राफेल फाइटर जेट का अधिग्रहण किया है।
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत को दो बड़े देशों के समूहों से 6वीं पीढ़ी के फाइटर जेट प्रोजेक्ट में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। जर्मनी, फ्रांस और स्पेन ने भारत को अपने “फ्यूचर कॉम्बैट एयर सिस्टम” (FCAS) में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह, ब्रिटेन, जापान, और इटली का एक समूह भी भारत को अपने “ग्लोबल कॉम्बैट एयर सिस्टम” (GCAS) का हिस्सा बनने का ऑफर दे रहा है। ये ऑफर्स भारत की बढ़ती रणनीतिक महत्वता और वैश्विक साझेदारी को दर्शाते हैं।
लेकिन अब भारत के सामने एक महत्वपूर्ण दुविधा खड़ी हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने अपने स्वदेशी “एडवांस्ड मिडियम कॉम्बैट सिस्टम” (AMCS) में काफी निवेश किया है, जो उसे 5.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के माध्यम से हवाई युद्ध में आत्मनिर्भर बना सकता है। अगर भारत FCAS या GCAS में से कोई एक प्रोजेक्ट चुनता है, तो उसे अत्याधुनिक तकनीक प्राप्त हो सकती है, लेकिन इसका मतलब होगा कि वह अपने स्वदेशी AMCS प्रोजेक्ट से ध्यान हटा सकता है। इस जटिल स्थिति ने भारत को एक कठिन निर्णय लेने की ओर अग्रसर किया है, क्योंकि इन प्रोजेक्ट्स से जुड़ी रणनीतिक और तकनीकी प्राथमिकताएं बहुत महत्वपूर्ण हैं।
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