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China Taiwan Tension: ताइवान के मुद्दे पर चीन का समर्थन में क्यों कर रहा है श्रीलंका? जाने वजह

China Taiwan Tension: नई दिल्ली। ताइवान मुद्दे अब एक और देश चीन के समर्थन में आ गया है। पहले रूस, फिर पाकिस्तान और अब श्रीलंका ने चीन का साथ देने का फैसला किया है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के एक दिन बाद एक चीन नीति को लेकर श्रीलंका के […]

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China Taiwan Tension: ताइवान के मुद्दे पर चीन का समर्थन में क्यों कर रहा है श्रीलंका? जाने वजह
  • August 5, 2022 10:06 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

China Taiwan Tension:

नई दिल्ली। ताइवान मुद्दे अब एक और देश चीन के समर्थन में आ गया है। पहले रूस, फिर पाकिस्तान और अब श्रीलंका ने चीन का साथ देने का फैसला किया है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के एक दिन बाद एक चीन नीति को लेकर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने प्रतिबद्धता जताई है। बता दें कि चीन ने स्पीकर पेलोसी के ताइवान दौरे का तीखा विरोध किया था।

रानिल विक्रमसिंघे ने क्या कहा?

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को किए अपने एक ट्वीट में लिखा कि श्रीलंका में चीन के राजदूत क्यूई जेनहोंग के साथ एक बैठक के दौरान एक चीन नीति के साथ-साथ राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के संयुक्त राष्ट्र चार्टर सिद्धांतों के लिए श्रीलंका की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।

उकसावे की स्थिति से बचना चाहिए

राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने चीनी राजदूत क्यूई के साथ अपनी बैठक के दौरान बुधवार कहा था कि देशों को उकसावे की किसी भी ऐसी स्थिति से बचना चाहिए जिससे मौजूदा वैश्विक तनाव और बढ़े। उन्होंने ये भी कहा आपसी सम्मान और देशों के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप शांतिपूर्ण सहयोग और गैर-टकराव के लिए महत्वपूर्ण आधार हैं।

श्रीलंका पर है चीन का भारी कर्ज

बता दें कि इस वक्त श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग चुके है। फिलहाल राष्ट्रपति पद पर रानिल विक्रमसिंघे है। श्रीलंका ने चीन से भारी कर्ज लिया है। जिसे अभी उसे चुकाना है।

ताइवान के साथ खड़ा रहेगा अमेरिका

बता दें कि इससे पहले अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान अपने ताइवान दौरे के दौरान कहा था कि अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है।

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