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चीन की सेना में अगले साल शामिल होगी ये मिसाइल, इसकी जद में होगी पूरी दुनिया

चीनी सेना के बेड़े में अगले साल तूंगफूंग-41 नामक नेक्स्ट जेनरेशन एडवांस मिसाइल शामिल होगी. यह मिसाइल दुनिया के किसी भी हिस्से को अपनी जद में लेने में सक्षम है. तूंगफूंग-41 तीन स्तरीय ठोस ईंधन मिसाइल है और इसमें कम से कम 12,000 किलोमीटर की मारक क्षमता है. तूंगफूंग-41 करीब 10 परमाणु हथियारों को भी एक साथ ले जा सकता है.

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China army
  • November 20, 2017 8:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

बीजिंगः चीन की सेना अब अपने बेड़े में एक ऐसी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल शामिल करने वाली है, जो दुनिया के किसी भी हिस्से को अपनी जद में ले सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मिसाइल का नाम तूंगफूंग-41 रखा गया है. नेक्स्ट जेनरेशन की यह एडवांस मिसाइल अगले साल चीन की सेना में शामिल हो सकती है. इस मिसाइल की खासियत यह है कि ये मिसाइल परमाणु हथियारों को ले जाने में भी सक्षम है. तूंगफूंग-41 दुश्मनों के मिसाइल खतरे और डिफेंस सिस्टम को मात देने में भी सक्षम है. यह नई मिसाइल डोंगफेंग-41 और मैक 10 (ध्वनि की गति से 10 गुना तेज) से भी ज्यादा तेज है.

सरकारी मीडिया हाउस ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, साल 2012 में इस मिसाइल की घोषणा होने के बाद से अब तक 8 बार इसका परीक्षण हो चुका है. माना जा रहा है कि यह पीपल्स लिबरेशन आर्मी में 2018 में शामिल हो जाएगी. चीन आर्म्स कंट्रोल एंड डिसआर्मामेंट एसोसिएशन के वरिष्ठ सलाहकार शु गुआंगु ने इस बारे में कहा कि अगर यह मिसाइल सेना में सेवा देना शुरू करती है तो इसे काफी मजबूत होना होगा. तूंगफूंग-41 तीन स्तरीय ठोस ईंधन मिसाइल है और इसमें कम से कम 12,000 किलोमीटर की मारक क्षमता है. जिसका मतलब यह है कि चीन से दुनिया के किसी भी कोने में निशाना साधा जा सकता है.

मिली जानकारी के अनुसार, तूंगफूंग-41 करीब 10 परमाणु हथियारों को एक साथ ले जा सकता है. इतना ही नहीं, ये अलग-अलग निशाना भी लगा सकता है. बताते चलें कि चीन हथियारों के मामले में अन्य विकसित देशों से एक कदम आगे रहने का प्रयास करता है. चीनी सेना के बेड़े में लंबी और मध्यम दूरी की मिसाइलों का जखीरा है. रशियन एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन ने अमेरिका को ध्यान में रखकर यह मिसाइल तैयार किया है. दरअसल चीन अमेरिका और यूरोप के सभी हिस्सों में अपना दबदबा कायम करना चाहता है. अमेरिका द्वारा चीन पर बढ़ते दबाव को काउंटर करने के लिए इस मिसाइल को काफी अहम माना जा रहा है.

 

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