September 19, 2024
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चीन चल रहा है नई चाल, चीनी जोड़ों को बच्चे पैदा करने पर रोक, पेरेंट्स पाल रहे हैं जानवर!

  • WRITTEN BY: Zohaib Naseem
  • LAST UPDATED : September 16, 2024, 1:55 pm IST

नई दिल्ली: चीन का नाम लगभग हर लोग जानते ही होंगे, क्योंकि ये अक्सर सुर्खियों में बना ही रहता है. वहीं इस बार कुछ ऐसा चीन से सामने आया है, जिसको पढ़ने  के बाद आप शायद यकीन नहीं कर पाए, तो चलिए शुरुआत करते  हैं… आपको तो पता ही होगा कि इस समय चीन में आबादी घटती हुई जा रही  है. जिस वजह से चीन में बच्चे कम और जानवर की आबादी ज्यादा  हो जाएगी.

 

कार्यबल सिकुड़ रहा है

 

CNN और गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की शहरी पालतू आबादी साल के अंत तक चार साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या से अधिक हो जाएगी क्योंकि माता-पिता बच्चों को पालने के बजाय पालतू जानवर रखने की प्रथा अपना रहे हैं. यह बढ़ रहा है. गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दशकों की एक-बाल नीति के बाद, चीन की आबादी तेजी से बढ़ रही है और इसका कार्यबल सिकुड़ रहा है.

 

सबसे महंगा देश है

 

यूथ पॉपुलेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि बच्चे के पालन-पोषण के मामले में चीन दुनिया का सबसे महंगा देश है. दुनिया में एक बच्चे को पालने में सबसे ज्यादा खर्च होता है, इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस का नंबर आता है. चीनी सरकार ने 2016 में एक बच्चे की नीति को समाप्त कर दिया और बाद में 2021 में तीन बच्चों की अनुमति देने के लिए जन्म प्रतिबंधों में ढील दी। अब चीन जन्म दर बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहा है.

 

महिलाओं की घट रही आबादी

 

36 वर्षीय हैनसेन और 35 वर्षीय मोमो बच्चे पैदा करने से बच रहे हैं और इसके बजाय पालतू जानवर पाल रहे हैं. उनकी तरह, अन्य चीनी जोड़ों के बीच पालतू जानवर रखना एक आम चलन बनता जा रहा है. चीन की जन्म दर में भी 2022 से 2030 तक सालाना 4.2% की गिरावट आने की उम्मीद है. इसकी वजह 20-35 वर्ष की महिलाओं की घटती आबादी और युवा लोगों में बच्चे पैदा करने में देरी करने या उसे न करने की बढ़ती प्रवृत्ति को माना जा रहा है.

 

बच्चे पैदा करने पर रोक

 

बढ़ती मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितता कई चीनी जोड़ों को बच्चे पैदा करने से रोक रही है. सीएनएन के अनुसार, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को उच्च युवा बेरोजगारी से लेकर लंबे समय तक चलने वाले धन संकट तक की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

 

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