नई दिल्ली। चीन ने हाल ही मे 19 देशों की बैठक के साथ हिंद महासागर को लेकर शांति की बात की थी। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय से जुड़े संगठन चाइना इंटरनेशनल डेवलपमेंट को ऑपरेशन एजेंसी द्वारा आयोजित युनान प्रांत मे भारत को आमंत्रित नहीं किया गया। एक ओर चीन हिंद महासागर को लेकर शांति […]
नई दिल्ली। चीन ने हाल ही मे 19 देशों की बैठक के साथ हिंद महासागर को लेकर शांति की बात की थी। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय से जुड़े संगठन चाइना इंटरनेशनल डेवलपमेंट को ऑपरेशन एजेंसी द्वारा आयोजित युनान प्रांत मे भारत को आमंत्रित नहीं किया गया। एक ओर चीन हिंद महासागर को लेकर शांति की बात करता हुआ नज़र आता है वहीं दूसरी ओर जिबूती में अपने प्रोजेक्ट को लेकर हिंद महासागर मे अशांति फैलाने के मंसूबे तैयार करता हुआ भी दिख रहा है।
श्रीलंका की तरह कर्ज़ मे डूबे हुए जिबूती पर भी चीन की निगाहें टिकी हुई हैं, मौजूदा समय में जिबूती में चीनी सैन्य अड्डे की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से चीनी युझाओ क्लास(टाइप-071) लैंडिंग शिंप नज़र आया है। इस चीन ने जिस डॉर्कयार्ड में खड़ा किया है, उस पर हेलिकॉप्टर भी उतर सकता है। इस जहाज की क्षमता इतनी है कि, इसमें कई टैंक, ट्रक और होवरक्राफ्ट ले जाए जा सकते हैं। इसके द्वारा जमीनी और हवाई हमलों से निपटा जा सकता है।
इसी सैन्य अड्डे पर एक और चीनी जहाज देखा गया जिसका नाम चांगबाई शान है, इस बड़े जहाज़ का वजह करीब 25000 टन है। इस जहाज को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि, इसमें सैनिकों के साथ-साथ सैन्य वाहन, एयर कुशन लैंडिंग क्राफ्ट और हेलिकॉप्टर ले जाया जा सकता है।
श्रीलंका की ही तरह कर्ज़ डूबे जिबूती को लेकर यदि एक रिपोर्ट की मानें तो, जिबूती के कुल विदेशी कर्ज़ मे चीन का हिस्सा करीब 65 फीसदी है। गौरतलब है कि, चीन ने श्रीलंका के हंबनटोट बंदरगाह को 99 साल की लीज पर लिया हुआ है। इसका विरोध भारत लगातार करता रहा है। चीन नै इस हंबनटोट बंदरगाह मे सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइल पर नज़र रखने की क्षमता वाले जहाज युआन वांग-5 को तैनात किया था, जी लगभग 750 किलोमीटर के दायरे पर नज़र रखने मे सक्षम है।
चीन ने हाल ही में हिंद महासागर क्षेत्र को लेकर 19 देशों की बैठक को लेकर एक क्रायक्रम का आयोजन किया था। चीन के विदेश मंत्रालय से जुड़े संगठन चाइना इंटरनेश्नल डेवलेपमेंट को- ऑपरेशन एजेंसी की ओर से युनान प्रांत मे आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में भारत को आमंत्रित नहीं किया है।