नई दिल्ली: वैश्विक शक्तियों में शामिल चीन का सीमा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सीमा विवाद को लेकर ही चीन ताइवान के विरूद्ध सख्त रूप अख्तियार कर रहा है। चीन के बड़े दावे चीन हमेशा से ही वैश्विक राजनीति में शांति के साथ संघर्ष की नीति से अपने कदम बढ़ाता है। चीन ताइवान के […]
नई दिल्ली: वैश्विक शक्तियों में शामिल चीन का सीमा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सीमा विवाद को लेकर ही चीन ताइवान के विरूद्ध सख्त रूप अख्तियार कर रहा है।
चीन हमेशा से ही वैश्विक राजनीति में शांति के साथ संघर्ष की नीति से अपने कदम बढ़ाता है। चीन ताइवान के खिलाफ अपने सख्त रूप अपना सकता है। चीन के दावे के अनुसार ताईवान अखंड चीन का हिस्सा है। वहीं ताइवान इस वैश्विक शक्ति से अपनी संप्रभुता के लिए संघर्षरत है।
हाल ही में अंतरिक्ष में मौजूद एक सैटेलाइट ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से जुड़ी एक तस्वीर साझा किया है, जिसमें वह चीन की आर्मी ताइवान के तटों पर युद्धाभ्यास करते हुए दिख रही है। तस्वीर सामने आने के बाद विश्व के देश यह अंदाजा लगा रहे हैं कि ताइवान पर हमले के लिए चीन यह तैयारी कर रहा हैं।
चीन ने अपने मेगा वॉर ड्रिल को 31 अगस्त को अंजाम दिया था। इस युद्धाभ्यास में चीन ने कार ढोने वाले जहाजों से अपने सैनिकों को तेजी से एक जगह से दूसरे जगह भेजने का अभ्यास किया था। यह अभ्यास बो हाई हेंग टोंग नाम के 15 हजार टन मल्टीपर्पज कार्गो शिप में किया था। चीन के इन सैन्य गतिविधियों की वजह से आशंका जताई जा रही है कि ताइवान पर हमले के लिए चीन सीधी लड़ाई की जगह छल का इस्तेमाल कर सकता है।
चीन से जुड़ी यह तस्वीरें आने के बाद ताइवान, अमेरिका सहित विश्व के अन्य देश को सकते में आ गए है। बता दें कि चीन-ताइवान विवाद अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद काफी बुरे दौड़ में पहुंच गया है। यह पिछले 25 सालों में अमेरिका के किसी उच्चस्तरीय राजनेता की पहली यात्रा थी। चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर खुले तौर आपत्ति जताई थी।
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