नई दिल्ली: साल 2023 के लिए चीन ने अपना रक्षा बजट घोषित कर दिया है. इस बजट में इस साल 7.2% की वृद्धि की घोषणा की है. ये बजट 2022 की तुलना में केवल एक प्रतिशत ही ज़्यादा है. 2023 में रक्षा बजट 1.55 ट्रिलियन युआन (224 बिलियन डॉलर) था जो 2013 की तुलना में […]
नई दिल्ली: साल 2023 के लिए चीन ने अपना रक्षा बजट घोषित कर दिया है. इस बजट में इस साल 7.2% की वृद्धि की घोषणा की है. ये बजट 2022 की तुलना में केवल एक प्रतिशत ही ज़्यादा है. 2023 में रक्षा बजट 1.55 ट्रिलियन युआन (224 बिलियन डॉलर) था जो 2013 की तुलना में दोगुना है. इसी के साथ अब चीन का रक्षा बजट दुनिया भर के देशों में दूसरे नंबर पर आ गया है. चीन का बजट आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य बजट है.
लगातार आठवें साल चीन ने रक्षा बजट में एकल प्रतिशत अंक की वृद्धि की है. गौरतलब है कि दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना और स्थायी सेना चीन के पास ही है. उसने हाल ही में अपना तीसरा विमानवाहक पोत लॉन्च किया है. अमेरिका की मानें तो चीन के पास इंडो-पैसिफिक में सबसे बड़ा विमानन बल भी मौजूद है जिसके आधे से अधिक लड़ाकू विमानों में चौथी या पांचवीं पीढ़ी के मॉडल शामिल हैं. इसके अलावा चीन के पास स्टील्थ एयरक्राफ्ट, परमाणु हथियार देने में सक्षम बमवर्षक, उन्नत सतह के जहाज और परमाणु संचालित पनडुब्बियां माँ विशाल भंडार भी मौजूद हैं.
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा में 2 मिलियन सदस्य हैं. जिसकी कमान राष्ट्रपति और पार्टी नेता शी जिनपिंग के नेतृत्व में चलने वाले आयोग के पास है. रविवार को चीन की संसद के वार्षिक सत्र में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के प्रीमियर ली केकियांग ने एक रिपोर्ट पेश की. उन्होंने इस रिपोर्ट में कहा कि पिछले एक साल में हम लोगों की सशस्त्र सेनाओं पर पार्टी के पूर्ण नेतृत्व के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं. सशस्त्र बलों ने सुधार, वैज्ञानिक और तकनीकी विकास और कर्मियों के प्रशिक्षण के माध्यम से खुद को मजबूत करने का अभ्यास किया. इसके अलावा इन बलों ने कानून-आधारित शासन का अभ्यास करने के लिए अपनी राजनीतिक वफादारी बढ़ाने के प्रयासों को तेज किया है.
आगे ली ने राष्ट्रीय रक्षा और सैन्य विकास में देश की कई उपलब्धियां गिनाई हैं. उन्होंने कहा- अब PLA को ज्यादा आधुनिक और सक्षम लड़ाकू बल बना दिया गया है. हालांकि उन्होंने इसका कोई आधिकारिक वर्णन नहीं दिया है. उन्होंने आगे चीन की कठोर शून्य-कोविड पॉलिसी में सशस्त्र बलों के योगदान का हवाला दिया। जिसमें लॉकडाउन, क्वारैंटाइन और अन्य कठोर उपाय भी शामिल हैं. आगे उन्होंने राष्ट्रीय रणनीतियों और सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने की बात की. साथ ही उन्होनें नागरिक क्षेत्रों और सेना के बीच आपसी समर्थन को बढ़ावा देने की बात की.
विश्व बैंक की मानें तो, चीन ने 2021 में अपनी सेना पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.7% खर्च किया था. जबकि अमेरिका ने 3.5% खर्च किया है. हालांकि पिछले दशकों की दो अंकों की वार्षिक प्रतिशत दरों में बढोतरी नहीं हुई. सरकारी ऋण के आसमान छूते स्तर और कम से कम चार दशकों में अपने दूसरे सबसे निचले स्तर पर बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के बाद भी चीन का रक्षा बजट बढ़ रहा है.