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बोर्डिंग स्कूल में बच्चों पर हो रहा अत्याचार, देर रात वॉशरूम जाने पर मिल रही सज़ा

नई दिल्ली: चीन के एक बोर्डिंग स्कूल में देर रात वॉशरूम इस्तेमाल करने पर एक छात्र को दी गई कठोर सजा के कारण स्कूल विवादों में घिर गया है। स्कूल प्रशासन ने छात्र को न केवल सजा दी बल्कि उसे पूरे स्कूल के सामने शर्मिंदा भी किया। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होते ही […]

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बोर्डिंग स्कूल में बच्चों पर हो रहा अत्याचार, देर रात वॉशरूम जाने पर मिल रही सज़ा
  • September 27, 2024 5:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: चीन के एक बोर्डिंग स्कूल में देर रात वॉशरूम इस्तेमाल करने पर एक छात्र को दी गई कठोर सजा के कारण स्कूल विवादों में घिर गया है। स्कूल प्रशासन ने छात्र को न केवल सजा दी बल्कि उसे पूरे स्कूल के सामने शर्मिंदा भी किया। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होते ही स्कूल की कड़ी आलोचना होने लगी, जिसे लेकर शिक्षा विभाग ने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

वॉशरूम इस्तेमाल करना मना

रिपोर्ट के अनुसार, छात्र को रात 10:45 बजे के बाद वॉशरूम का इस्तेमाल करने पर डीप सेल्फ रिफ्लेक्शन पर निबंध लिखने को कहा गया। इसके साथ ही, उसे इस निबंध की 1000 फोटोकॉपी कर पूरे स्कूल में बांटने की सजा दी गई। इतना ही नहीं, स्कूल प्रशासन ने उसकी कक्षा के मासिक अनुशासन स्कोर से पांच अंक भी काट लिए। वहीं इस दौरान एक शिक्षक ने बताया कि रात 10:45 बजे के बाद छात्रों का होस्टल के अंदर घूमना और वॉशरूम इस्तेमाल करना मना है। यदि किसी छात्र को इस दौरान वॉशरूम जाना हो, तो उसे होस्टल प्रशासन से अनुमति लेनी होती है।

China

स्कूल के नियमों का उल्लंघन

सजा के तहत छात्र ने न केवल निबंध लिखा बल्कि उसने स्कूल के नियमों का उल्लंघन करने और अपने सहपाठियों की नींद खराब करने के लिए माफी भी मांगी। निबंध में छात्र ने लिखा, “मैंने स्कूल के नियमों का उल्लंघन किया है, जिसके कारण मेरी कक्षा को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। भविष्य में मैं इस गलती को दोहराने से बचूंगा।”

स्थानीय शिक्षा विभाग

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर स्कूल की कठोर नीतियों की व्यापक आलोचना हुई। वहीं बढ़ते विवाद को देखते हुए स्थानीय शिक्षा विभाग ने स्कूल को निर्देश दिए कि वह अपनी अनुशासन नीति पर पुनर्विचार करे। शिक्षा विभाग ने स्कूल से कहा कि वह अपनी कमियों पर विचार करे और छात्र के साथ संवेदनशीलता से पेश आए। इसके साथ ही, छात्र द्वारा बनाई गई फोटोकॉपी की लागत को कवर करने के लिए स्कूल को 100 युआन (लगभग 1,100 रुपये) का मुआवजा भी देने का निर्देश दिया गया है।

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