नई दिल्ली: चिकनगुनिया की पहली वैक्सीन बनकर तैयार हो गई है. इस वैक्सीन को अमेरिका ने बनाई है और टीके को मंजूरी मिल गई है. आपको बता दें कि यह वायरस संक्रमित मच्छरों से फैलता है। इन इलाकों में काफी प्रचलित है चिकनगुनिया आपको बता दें कि अमेरिकी दवा नियामक द्वारा इक्स्चिक (ixchiq) को हरी […]
नई दिल्ली: चिकनगुनिया की पहली वैक्सीन बनकर तैयार हो गई है. इस वैक्सीन को अमेरिका ने बनाई है और टीके को मंजूरी मिल गई है. आपको बता दें कि यह वायरस संक्रमित मच्छरों से फैलता है।
आपको बता दें कि अमेरिकी दवा नियामक द्वारा इक्स्चिक (ixchiq) को हरी झंडी मिलने से उन देशों में वैक्सीन के तेजी आने की उम्मीद है, जहां यह वायरस सबसे ज्यादा प्रचलित है. बता दें कि “चिकनगुनिया वायरस” बुखार और गंभीर जोड़ों के दर्द का वजह बनता है. यह वायरस अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय इलाकों में सबसे ज्यादा प्रचलित है।
चिकनगुनिया के लक्षण आमतौर पर 10 से 12 दिनों तक रहते हैं और इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी, चकत्ते, दाने की समस्याएं, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और जी मिचलाना देखने को मिलता हैं. यह एक तरह की वायरल संक्रामक बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होती है. मतलब यह है कि मच्छरों के काटने से मनुष्यों में चिकनगुनिया वायरस फैलती है. य़ह बीमारी डेंगू से काफी मिलते-जुलचे हैं।
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