इजरायल और हमास के बीच बीच युद्धविराम खत्म होता दिख रहा है. इजरायली बंधकों की रिहाई न होने से आग बबूला इजरायल ने गाजा पट्टी में एक बार फिर बमबारी शुरू कर दी है. मंगलवार सुबह गाजा में एक के बाद एक कई धमाके हुए. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इन हवाई हमलों में कम से कम 44 लोग मारे गए हैं. 19 जनवरी 2025 को युद्धविराम के बाद इजरायल का गाजा में यह सबसे बड़ा हमला है.

ये हमले तब हुए हैं, जब दोनों पक्षों में युद्धविराम पर गतिरोध पैदा हो गया. बताया जा रहा है कि अमेरिका और अरब मध्यस्थ पिछले दो हफ्तों से बातचीत कर रहे थे लेकिन यह वार्ता नाकाम रही जिसके बाद इजरायल ने गाजा पर हमला बोल दिया. इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि हमास की ओर से बंधकों को रिहा करने से इनकार करने और अमेरिकी राष्ट्रपति के दूत स्टीव विटकॉफ व मध्यस्थों के प्रस्तावों को तवज्जो ने देने के कारण यह स्थिति पैदा हुई.

इजरायली सेना ने बोला हमला

इजरायली आर्मी IDF के मुताबिक उसने गाजा में हमास के कई ठिकानों पर हमले किये हैं. टेलीग्राम पर एक पोस्ट में इजरायली सेना ने बताया है कि गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले कर रहे हैं. दूसरी ओर खबर आ रही है कि इस हमले से आम लोग काफी प्रभावित हुए हैं. स्थानीय डॉक्टरों के मुताबिक आम लोग, बच्चे और महिलाएं इन हमलों का निशाना बने हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मध्य गाजा के दीर अल-बलाह में तीन घरों, गाजा शहर में एक इमारत और खान यूनिस और राफा में कई ठिकानों पर बम गिराए गए.

हमास ने सभी इजरायली बंधकों को नहीं किया रिहा

आपोक बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ से एक दिन पहले हमास और इजरायल के बीच 19 जनवरी को युद्धविराम समझौता हुआ था. इसमें तय हुआ था कि दोनों तरफ से लड़ाई बंद हो जाएगी. हमास इजरायल के बंधकों को रिहा करेगा और इजरायल दुसरे पक्ष के लोगों को जेल से छोड़ देगा. बाद में इस समझौते को आगे बढ़ाने लेकर दोनों में मतभेद पैदा हो गये. अमेरिका और अरब वर्ल्ड ने मध्यस्थता की लेकिन बात नहीं बनी.

इस बीच फिर से हिंसा और मारकाट शुरू हो गई है. इजरायल और हमास में अक्टूबर, 2023 से लड़ाई चल रही है. लगभग डेढ़ साल से चल रहे युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. युद्ध को रोकने के लिए जनवरी 2025 में संघर्ष विराम हुआ. इस समझौते में इजरायल ने 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा और बदले में हमास ने दर्जनों इजरायली बंधकों को रिहा किया. शुरू में इजरायल और हमास ने शर्तों के मुताबिक रिहाई की लेकिन बाद में हमास ने कुछ बंधकों को रिहा करने से मना कर दिया. अमेरिका ने अपना दूत दौड़ाया, कई दौर की वार्ताएं हुए लेकिन बात नहीं बनी और इजरायल ने एक बार फिर हमला शुरू कर दिया.

इजरायल-हमास युद्धविराम की ये थी शर्ते

भारत सरकार ने संसद में इजरायल-हमास के युद्धविराम शर्तों को लेकर जो जानकारी दी थी उसके मुताबिक 42 दिनों के तीन चरण पूरे होने हैं. पहले चरण में हमास 33 इजरायली बंधकों जिनमें महिला, सैनिक, बच्चे और 50 साल से अधिक उम्र के नागरिक शामिल हैं को रिहा करेगा.

इसके बदले इजरायल प्रत्येक बंधक नागरिक के एवज में 30 फिलिस्तीनी कैदियों और प्रत्येक महिला सैनिक के लिए 50 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. इस चरण में सैन्य अभियानों का अस्थायी निलंबन रहेगा और इज़रायली सेनाएं आबादी वाले क्षेत्रों से गाजा के किनारे की ओर चली जाएंगी. प्रतिदिन 600 ट्रकों के प्रवेश के साथ निरंतर और पर्याप्त मानवीय सहायता पहुंचाई जाएगी. इसमें 50 ईंधन ट्रक और उत्तरी गाजा के लिए 300 ट्रक शामिल हैं. इसके साथ ही विस्थापित फिलिस्तीनी अपने घरों को लौटना शुरू कर देंगे.

दूसरे चरण के लिए शर्ते पहले चरण के दौरान शुरू होगी और दूसरे चरण में सैन्य अभियानों और सभी शत्रुतापूर्ण गतिविधियों की स्थायी समाप्ति और पूर्ण शांति लाई जाएगी . सभी शेष इज़रायली पुरुष बंधकों नागरिकों सैनिकों को बातचीत के लिए कई फ़िलिस्तीनी कैदियों के बदले में रिहा किया जाएगा और इज़रायली सेनाएं गाजा से पूरी तरह से वापस चली जाएंगी.

तीसरे चरण में, पार्थिव अवशेषों का आदान-प्रदान किया जाएगा, गाजा में आने-जाने की व्यवस्था की जाएगी. और गाजा के लिए पुनर्निर्माण योजना शुरू होगी. इस समझौते में मध्यस्थता अमेरिका, मिस्र और कतर द्वारा की गई, जो इसके कार्यान्वयन की निगरानी भी करेंगे.

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