नई दिल्ली : श्रीलंका के चार प्रमुख हस्तियों पर कनाडा ने मानवाधिकार कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगा दिया है. इन चारों में दो पूर्व राष्ट्रपति भी शामिल हैं. जिन चारों हस्तियों पर कनाडा ने रोक लगाई है उनमें दो पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, महिंदा राजपक्षे, स्टाफ सार्जेंट सुनील रत्नायके और लेफ्टिनेंट […]
नई दिल्ली : श्रीलंका के चार प्रमुख हस्तियों पर कनाडा ने मानवाधिकार कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगा दिया है. इन चारों में दो पूर्व राष्ट्रपति भी शामिल हैं. जिन चारों हस्तियों पर कनाडा ने रोक लगाई है उनमें दो पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, महिंदा राजपक्षे, स्टाफ सार्जेंट सुनील रत्नायके और लेफ्टिनेंट कमांडर चंदना पी हेत्तियारचिथे शामिल हैं. चारों पर आरोप है कि इन्होने साल 1983 से 2009 तक श्रीलंका में सशस्त्र संघर्ष के दौरान मानवाधिकारों का उल्लंघन किया। कनाडा के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि भी की है.
Canada imposes sanctions against four Sri Lankan state officials incl Former Presidents Gotabaya Rajapaksa & Mahinda Rajapaksa,Staff Sergeant Sunil Ratnayake & Lt Commander Chandana P Hettiarachchithe for"gross & systematic violations of human rights"in Sri Lanka’s civil conflict pic.twitter.com/FwNJUBHiAJ
— ANI (@ANI) January 10, 2023
कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली ने मीडिया को बताया, “अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय माफी को खत्म करने के लिए आज निर्णायक कार्रवाई की. श्रीलंका के लोगों ने पिछले चार दशकों में, सशस्त्र संघर्ष, राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता और मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के कारण बहुत कुछ झेला है।” गौरतलब है कि 2005 से 2015 के बीच महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं.
गोताबाया के हाथों में उनके शासनकाल में रक्षा विभाग की कमान थी. इसके अलावा वह दो बार प्रधानमंत्री के पद पर भी रह चुके हैं. महिंदा राजपक्षे पेशे से वकील थे जो साल 1970 में पहली बार श्रीलंका की संसद के लिए चुने गए थे. साल 2004 में वह पहली बार प्रधानमंत्री चुने गए थे लेकिन अगले ही साल वह राष्ट्रपति पद तक पहुंच गए थे. ऐसे में इस साल जब श्रीलंका पर आर्थिक संकट मंडराया तो द्वीपीय देश की सेना और सरकार दोनों पर ही मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए. बता दें, इस गृहयुद्ध के दौरान हज़ारों आम लोग मारे गए थे. श्रीलंका में पिछले साल आए गंभीर आर्थिक संकट के दौरान भी वहाँ की सरकार बुरी तरह से फेल हो गई थी. यह आर्थिक संकट कोरोना काल के दौरान आया था जब पर्यटन पर निर्भर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था थम गई थी.
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