Canada Prime Minister Justin Trudeau dissolves Canadian Parliament: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद भंग कर दी है. साथ ही चुनाव अभियान का आगाज कर दिया है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में 21 अक्टूबर 2019 को फेडरल इलेक्शन कराने की घोषणा की है. चुनाव से पहले आए ओपिनियन पोल के नतीजे कनाडाई प्रधानमंत्री के लिए परेशानी का सब बन सकते हैं. अभी तक आए ओपिनियन पोल के नतीजे इशारा कर रहे हैं कि लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी करना जस्टिन ट्रूडो की पार्टी के लिए मुश्किल है.
कनाडा. Canada Prime Minister Justin Trudeau dissolves Canadian Parliament: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद भंग कर दी है. साथ ही चुनाव अभियान का आगाज कर दिया है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में 21 अक्टूबर 2019 को फेडरल इलेक्शन कराने की घोषणा की है. चुनाव से पहले आए ओपिनियन पोल के नतीजे कनाडाई प्रधानमंत्री के लिए परेशानी का सब बन सकते हैं. अभी तक आए ओपिनियन पोल के नतीजे इशारा कर रहे है कि लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी करना जस्टिन ट्रूडो की पार्टी के लिए मुश्किल है. हालांकि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को पूरी उम्मीद है कि वह दोबारा सत्ता में वापसी करने में सफल होंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के चुनावी अभियान का पूरा फोकस अर्थव्यवस्था और जलवायु संबंधित मुद्दों पर रहने वाला है. प्रधानमंत्री ट्रूडो बुधवार कार्यकारी गवर्नर जनरल से मुलाकात की और चुनाव अभियान शुरू करने की घोषणा की. चुनावी अभियान की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी सरकारी की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि कनाडा के लोग जिस देश में वह रहना चाहते हैं उसके लिए उन्हें एक बार फिर मतदान करना होगा. कनाडा में संघीय चुनाव व्यवस्था है जहां हर 4 साल बाद देश के लोग अपने लिए नई सरकार चुनते हैं. चुनाव अभियान पूरे 40 दिनों तक चलता है.
Canada Prime Minister Justin Trudeau dissolves Canadian Parliament, launches election campaign: AFP News Agency pic.twitter.com/WZNYYG4sx1
— ANI (@ANI) September 11, 2019
ओपिनियन पोल के मुताबिक जस्टिन ट्रूडो की विरोधी पार्टियों का मुख्य फोकस देश के आर्थिक हालात और जीवन प्रत्याशा पर रहने वाला है. वहीं लोगों के भीतर जलवायु परिवर्तन भी एक अहम मुद्दा है जिस पर सभी पार्टियों का ध्यान है. पोल के नतीजों के मुताबिक प्रधानमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने रिकॉर्ड पर लोगों को जोड़ना है जो खासा अच्छा नहीं रहा है. चुनावी कैंपेन मुख्य रूप से देश के दो पार्टियों लिबरल्स और कंजरवेटिव के बीच रहने वाला है. पोल के मुताबिक दोनों ही पार्टियों की 30-30 फीसदी लोगों का समर्थन हासिल है.