नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच फिलहाल रिश्ते अच्छे नहीं हैं. जिसका असर अब वहां रहने वाले हिंदुओं पर भी पड़ने लगा है. कनाडा सरकार ने दिवाली उत्सव को रद्द कर दिया है. बता दें कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे और कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से 2024 के दिवाली समारोह को रद्द करने […]
नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच फिलहाल रिश्ते अच्छे नहीं हैं. जिसका असर अब वहां रहने वाले हिंदुओं पर भी पड़ने लगा है. कनाडा सरकार ने दिवाली उत्सव को रद्द कर दिया है. बता दें कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे और कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से 2024 के दिवाली समारोह को रद्द करने का फैसला लिया गया है. जिसके बाद हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदायों में भारी नाराजगी देखी जा रही है. कनाडा हिंदू फोरम ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि रोशनी और एकता का त्योहार दिवाली नहीं मनाना समाज के एक बड़े वर्ग की उपेक्षा है. कनाडा हिंदू फोरम का कहना है कि दिवाली उत्सव रद्द करने का फैसला राजनीतिक तुष्टीकरण का नतीजा है.
कनाडा में हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय लगभग 25 लाख की आबादी के साथ एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक स्तंभ का प्रतिनिधित्व करते हैं.ये समुदाय विज्ञान, स्वास्थ्य, शिक्षा और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. उन्हें नज़रअंदाज करने का मतलब कनाडाई संस्कृति और विकास में उनकी भूमिका को नजरअंदाज करना है.हिंदू फोरम ने इस फैसले को कनाडाई समाज के लिए कमजोर बिंदु बताया है.
कनाडा हिंदू फोरम का कहना है कि आगामी चुनावों में ये आवश्यक है. हिंदू समुदाय एकजुट होकर अपने सांस्कृतिक अधिकारों और मूल्यों की रक्षा के लिए सही नेता का चयन करें. उन्होंने कहा कि समुदायों को अब ऐसे नेताओं का समर्थन करना चाहिए जो विविधता और संस्कृति का सम्मान करते हैं और उनकी भावनाओं को समझते हैं। सम्मान और समावेशन का समर्थन करें.
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