नई दिल्ली: हंगरी मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक कैटलिन कारिको को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया है. कैटलिन कारिको यह पुरस्कार जीतने वाली 13वीं महिला बन गई हैं. फिलहाल कारिको बायोएनटेक कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के पद पर हैं. बता दें ये वही कंपनी है जिसने कोरोना महामारी के समय टीका बनाने […]
नई दिल्ली: हंगरी मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक कैटलिन कारिको को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया है. कैटलिन कारिको यह पुरस्कार जीतने वाली 13वीं महिला बन गई हैं. फिलहाल कारिको बायोएनटेक कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के पद पर हैं. बता दें ये वही कंपनी है जिसने कोरोना महामारी के समय टीका बनाने के लिए फाइजर के साथ साझेदारी की थी. यह पुरस्कार जीतने के बाद कारिको ने मीडिया से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी.
कैटलिन कारिको को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया है. पुरस्कार जीनते के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जब वो प्रोफेसर नहीं थी उस समय उनकी मां नोबेल पुरस्कार की घोषणा को सुना करती थी और ये कहा करती थी कि शायद एक दिन तुम्हारा भी नाम नोबेल पुरस्कार की लिस्ट में आएगा. उन्होंने आगे कहा कि आज मुझे जब यह पुरस्कार दिया गया है तब शायद मेरी मां ने कहीं ऊपर से यह जरूर सुना होगा.
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2005 में कारिको ने एक शोध किया था जिसे अहमियत नहीं दी गई. रिपोर्ट में कहा गया कि कारिको के शोधपत्र में यह कहा गया था कि एमआरएनए के जरिये इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है. उस वक्त इस शोध को किसी ने अहमियत नहीं दी लेकिन साल 2010 में अमेरिकी वैज्ञानिक डैरिक रोसी ने एमआरएनए के ही आधार पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना स्थापित कर दी.
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