दरवाजे और खिड़कियाँ खड़खड़ाने लगीं. जमीन और दीवारों में दरारें पड़ने लगीं. इमारतें ढह गईं और कारें मलबे में दब गईं. लोग अपनी जान बचाने के लिए चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगे. समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगीं. मोबाइल सिग्नल, इंटरनेट और लैंडलाइन फोन सेवा ठप हो गई.
नई दिल्ली: अचानक धरती हिलने लगी और आकाश घूमने लगा. घरों, दुकानों और शोरूमों से सामान गिरकर टूटने लगा. दरवाजे और खिड़कियाँ खड़खड़ाने लगीं. जमीन और दीवारों में दरारें पड़ने लगीं. कई इमारतें ढह गईं और कारें मलबे में दब गईं. लोग अपनी जान बचाने के लिए चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगे. समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगीं. मोबाइल सिग्नल, इंटरनेट और लैंडलाइन फोन सेवा ठप हो गई.
यह दिल दहला देने वाली स्थिति है दक्षिण प्रशांत महासागर के मध्य स्थित 80 द्वीपों के देश वानुअतु की, जहां कल रिक्टर पैमाने पर 7.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने 6 लोगों की जान ले ली और 3.5 लोगों की जान खतरे में पड़ गई. भूकंप से फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड के दूतावासों के कार्यालय भी क्षतिग्रस्त हो गये. यहां तक कि सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई थी. इस भीषण भूकंप के डरावने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. अगर आप इसे देखेंगे तो आपका दिल दहल जाएगा और आप लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करेंगे.
CCTV footage of 7.4 Earthquake in Port Vila, Vanuatu
December 17, 2024 #earthquake #Vanuatu #terremoto #sismo pic.twitter.com/0MJWyhepga— Disasters Daily (@DisastersAndI) December 17, 2024
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला में मंगलवार सुबह भारतीय समयानुसार करीब 7.15 बजे भूकंप आया. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर करीब 7.3 मापी गई. इस भूकंप का केंद्र पोर्ट विला से 30 किलोमीटर पश्चिम में 57 किलोमीटर की गहराई में पाया गया. इकम तीव्रता वाले भूकंप के बाद 5.5 तीव्रता का झटका आया. अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने भूकंप की पुष्टि की है. भूकंप से कितना नुकसान हुआ? अभी इसका आकलन नहीं हो सका है, लेकिन 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है.
समुद्र में ऊंची लहरें देख सुनामी की चेतावनी जारी की गई, जिसे करीब 2 घंटे बाद वापस ले लिया गया, लेकिन भूकंप के कारण इंटरनेट बंद होने से सरकारी सेवाएं बंद कर दी गईं. कोई भी देश अपने दूतावास के अधिकारियों से संपर्क नहीं कर सका. यहां तक कि पुलिस, एनडीआरएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के नंबर भी उपलब्ध नहीं थे. इन सभी परिस्थितियों से लोग दहशत में थे। सरकार के मंत्रियों और सांसदों में भी खलबली मच गई.
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