नई दिल्ली: पाकिस्तान में सत्ता का फेरबदल होने के बाद PPP के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बुधवार को देश के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली। उनके शपथ लेते ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नई सरकार में बिलावल की भूमिका को लेकर लगायी जा रही अटकलों को विराम लग गया। दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि […]
नई दिल्ली: पाकिस्तान में सत्ता का फेरबदल होने के बाद PPP के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बुधवार को देश के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली। उनके शपथ लेते ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नई सरकार में बिलावल की भूमिका को लेकर लगायी जा रही अटकलों को विराम लग गया। दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पहले जब मंत्रिमण्डल का शपत ग्रहण हुआ था, तब उन्होंने इससे दूरी बना ली थी. PPP के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित सादे समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। इस दौरान वहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री व बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी और अन्य अधिकारी तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के कई नेता वहां मौजूद थे।
ऐसा पहली बार है जब PPP अध्यक्ष को सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका और विदेश मंत्री जैसा बेहद अहम पद सौंपा गया है। बिलावल भुट्टो-जरदारी साल 2018 में पहली बार निर्वाचित होकर नेशनल असेंबली पहुंचे थे. उन्हें विदेश मंत्री का पद ऐसे वक़्त में दिया गया है जब पिछली सरकार में विदेश नीतियों को लेकर लोगों में जमकर आक्रोश था.आइये जानते है आखिर बिलावल भुट्टो के पास क्या-क्या चुनौतियां है?
इस पद पर रहते हुए बिलावल भुट्टो के लिए जो सबसे बड़ी चुनौती है वो है अमेरिका के साथ संबंध को सुधारना। दरअसल, पिछली सरकार में इमरान खान ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद से दोनों देशो के बीच हालात बिगड़ गए. बिलावल भुट्टो के लिए यह चुनौतीपूर्ण होगा कि कैसे दोनों देशो के बीच शांतिपूर्ण माहौल कायम किया जाए.
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में विपक्ष के द्वारा इमरान सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया था. इसके बाद इमरान खान ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार अमेरिका की साजिश के कारण गिरी है क्योंकि उन्होंने रूस, चीन और अफगानिस्तान पर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई थी। हालांकि अमेरिका ने इसका खंडन किया था.
भारत के साथ भी पाकिस्तान के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं है. 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से भारत-पाकिस्तान के संबंधों में और खटास आ गई है। भारत का हमेसा से ही कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों वाले संबंध चाहता है जो आतंकवाद, उठा-पटक और हिंसा से मुक्त हों। ऐसे में अब देखन होगा कि क्या बिलावल भुट्टो-जरदारी पद पर रहते हुए भारत और पाकिसतन के बीच रिश्तो को मजबूत कर पाएंगे या नहीं।
PPP के अध्यक्ष बिलावल पिछले ही सप्ताह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सुप्रीमो नवाज शरीफ से लंदन में मिले थे और पाकिस्तान में राजनीतिक हालात पर चर्चा की थी। इस मुलाकात के एक सप्ताह बाद आज बिलावल ने विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली है।
बता दें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में 11 अप्रैल को बनी पाकिस्तान की मौजूदा गठबंधन सरकार में पीपीपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
पाक पीएम पीएमएल-एन के अध्यक्ष है. बिलावल को विदेश मंत्री का पद मिलने के बाद उनकी बहन ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी, उन्होंने लिखा कि ‘‘बहुत मुश्किल काम है, और पूर्ववर्ती सरकार ने हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को चोट पहुंचाई है, लेकिन मुझे इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि तुम हमारे देश, पार्टी और परिवार का सर फख्र से ऊंचा करोगे।’’
गुरुग्राम के मानेसर में भीषण आग, मौके पर दमकल की 35 गाड़ियां