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बड़ी साजिश का पर्दाफाश! मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी ही नहीं पाकिस्तान-तुर्की का भी हाथ, आग लगाने के लिए बांट रहे थे पैसे

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस सांप्रदायिक हिंसा के बाद बड़ी संख्या में हिन्दुओं को घर छोड़कर भागना पड़ा। अब इस मामले में नई जानकरी सामने आई है।

Murshidabad Violence
inkhbar News
  • April 16, 2025 9:09 am Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस सांप्रदायिक हिंसा के बाद बड़ी संख्या में हिन्दुओं को घर छोड़कर भागना पड़ा। अब इस मामले में नई जानकरी सामने आई है। खुफिया एजेंसियों ने पड़ोसी बांग्लादेश ही नहीं बल्कि पाकिस्तान और तुर्की से भी इस हिंसा के तार जुड़े होने का पता लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जहां पाकिस्तान की आईएसआई ने हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभाई, वहीं तुर्की के एक एनजीओ ने बंगाल के दो एनजीओ की मदद से सांप्रदायिक साजिश को अंजाम देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की।

व्हाट्सएप ग्रुप पर रची गई साजिश

स्थानीय एनजीओ ने दंगाइयों के लिए सहायता जुटाने में मदद की और उन्हें मदरसों में प्रशिक्षण दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक दंगाइयों को सुरक्षाकर्मियों की हत्या करने का भी प्रशिक्षण दिया गया। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर समूहों को संगठित किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाट्सएप ग्रुप, फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिए फैली अफवाहों ने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा की लहर को भड़का दिया। मुर्शिदाबाद में यह सब पाकिस्तान और बांग्लादेश स्थित संचालकों द्वारा किया गया।

स्थानीय नेताओं ने की मदद

रिपोर्ट में यहां तक ​​कहा गया है कि बांग्लादेशी कट्टरपंथियों को हिंसा को अंजाम देने के लिए एक राजनीतिक दल के स्थानीय नेताओं द्वारा कथित रूप से सहायता प्रदान की गई थी। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश स्थित दो कट्टरपंथी संगठनों जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्य कथित रूप से मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में शामिल थे। सूत्रों का कहना कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है ताकि पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ न हो।

 

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