21 दिसंबर को ढाका में राहत फतेह अली खान का एक प्रमुख कार्यक्रम हुआ, जिसका नाम 'इकोज ऑफ रेवोल्यूशन' था। यह कार्यक्रम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस की मुलाकात के एक दिन बाद हुआ।
नई दिल्ली: शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में पाकिस्तान के प्रति झुकाव और बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। हाल ही में काहिरा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस के बीच मुलाकात हुई थी। इसके बाद बांग्लादेश में पाकिस्तान की “म्यूजिक डिप्लोमेसी” भी दिखाई दी। भारत में गाने गाकर करोड़ों कमाने वाले पाकिस्तानी सिंगर राहत फतेह अली खान ने ढाका में एक कॉन्सर्ट किया।
21 दिसंबर को ढाका में राहत फतेह अली खान का एक प्रमुख कार्यक्रम हुआ, जिसका नाम ‘इकोज ऑफ रेवोल्यूशन’ था। यह कार्यक्रम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस की मुलाकात के एक दिन बाद हुआ। इस कॉन्सर्ट ने बांग्लादेश में हसीना सरकार के बाद के दौर में भारतीय कलाकारों के मुकाबले पाकिस्तानी कलाकारों को अधिक प्राथमिकता देने की दिशा में एक नया कदम उठाया है।
शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्तों में खटास आई है, जिसके चलते पिछले कुछ महीनों में किसी भी भारतीय कलाकार का कार्यक्रम बांग्लादेश में नहीं हुआ है। इसके बजाय, बांग्लादेश पाकिस्तानी सिंगर्स और कलाकारों के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जबकि बांग्लादेश में भारतीय गानों की काफी लोकप्रियता है। राहत फतेह अली खान ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा था कि वह जल्द ही बांग्लादेश आएंगे और यहां अपने परफॉर्मेंस से जुड़ी जानकारी दी थी।
राहत फतेह अली खान ने बताया कि वह जुलाई में हुए तख्तापलट में घायल हुए या अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए एक चैरिटी कॉन्सर्ट करेंगे। यह कार्यक्रम ढाका के आर्मी स्टेडियम में आयोजित होगा और इसके द्वारा प्राप्त सारी राशि उन परिवारों को दी जाएगी। इससे पहले, पाकिस्तानी गायक आतिफ असलम ने भी ढाका में परफॉर्म किया था, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बांग्लादेश के आयोजक अब भारतीय कलाकारों की तुलना में पाकिस्तानी कलाकारों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। यह बदलाव बांग्लादेश की राजनीति और सांस्कृतिक स्थिति में आ रहे बदलाव को दर्शाता है।
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