बांग्लादेश में फिर लगी हिंसा की आग, राष्ट्रपति भवन घेरने पहुंची भीड़ ने मचाया बवाल, सेना ने बरसाई लाठियां

नई दिल्लीः बांग्लादेश में एक बार हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारी इस बार राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने की मांग कर रहे हैं। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार की देर रात को राष्ट्रपति भवन का घेराव किया। राजधानी ढाका में राष्ट्रपति के निवास बंगभवन के बाहर स्थिति ये हो गई कि सेना को […]

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बांग्लादेश में फिर लगी हिंसा की आग, राष्ट्रपति भवन घेरने पहुंची भीड़ ने मचाया बवाल, सेना ने बरसाई लाठियां

Neha Singh

  • October 23, 2024 9:27 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्लीः बांग्लादेश में एक बार हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारी इस बार राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने की मांग कर रहे हैं। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार की देर रात को राष्ट्रपति भवन का घेराव किया। राजधानी ढाका में राष्ट्रपति के निवास बंगभवन के बाहर स्थिति ये हो गई कि सेना को मोर्चा संभालना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्च 

देर रात प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन के बाहर हंगामा मचाया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की तो पुलिस ने लाठीचार्च किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग करते हुए उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए। प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो गए कि पुलिस को उन पर आंसू गैस को गोले दागने पड़े।बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ जिन छात्र संगठनों ने विरोध- प्रदर्शन किया था, उन्ही में एक ने इस बार भी प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाया जाए क्योंकि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर टिप्पणी की थी।

शेख हसीने के इस्तीफे पर की थी टिप्पणी

पिछले हफ़्ते एक बांग्ला दैनिक को दिए गए साक्षात्कार में शहाबुद्दीन ने कहा कि इस बात के कोई दस्तावेजी सबूत नही हैं कि विराध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा दिया था। राष्ट्रपति की  इस टिप्पणी से विरोधी छात्र संगठन भड़क गए। इसके बाद, शेख हसीना को सत्ता से हटाने वाले विरोधी छात्रों ने सेंट्रल शहीद मीनार के पास एक रैली निकाली और शहाबुद्दीन के इस्तीफे की माँग की।

बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पहले बातचीत हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।इस घटना से साफ होता है कि बांग्लादेशी की यूनुस सरकार देश में शांति व्यवस्था कायम करने में नाकाम है। प्रदर्शकारियों को कानून और प्रशासन का कोई भय नही है।

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