रिजर्वेशन को लेकर उबला बांग्लादेश, 105 मौत के बाद सड़कों पर सेना

Bangladesh Quota System Protest: पड़ोसी देश बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन खत्म करने को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है। पिछले 15 दिनों से छात्रों ने प्रदर्शन से सत्ता को हिला कर रख दिया है। इस हिंसा में अब तक 105 लोग मारे जा चुके हैं। शेख हसीना सरकार ने स्थिति […]

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रिजर्वेशन को लेकर उबला बांग्लादेश, 105 मौत के बाद सड़कों पर सेना

Pooja Thakur

  • July 20, 2024 9:07 am Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

Bangladesh Quota System Protest: पड़ोसी देश बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन खत्म करने को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है। पिछले 15 दिनों से छात्रों ने प्रदर्शन से सत्ता को हिला कर रख दिया है। इस हिंसा में अब तक 105 लोग मारे जा चुके हैं। शेख हसीना सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया है। सड़कों पर सेना उतरी हुई है। राजधानी ढाका प्रदर्शनकारियों के लिए एपिसेंटर है।

सरकार बेबस

हिंसक हुए छात्र लाठी, डंडे और पत्थर लेकर सड़कों पर घूम रहे हैं। वो बसों और निजी वाहनों को आग के हवाले कर रहे हैं। इस आंदोलन में अब तक 2500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। शहर दर शहर प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो रही है। स्थिति को कंट्रोल करने में सरकार के पसीने छूटे हुए हैं। पूरे बांग्लादेश में इंटरनेट सर्विस बंद है।

फूंक दी गाड़ियां

सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के जनरल सेक्रेटरी ओबैदुल कादर ने 19 जुलाई की रात में ऐलान किया कि हिंसा रोकने के लिए सेना को तैनात कर दिया गया है। गुरुवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्र ने BTV ऑफिस के कैंपस में घुसकर 60 से ज्यादा गाड़ियां फूंक दी। क्योंकि उसी दिन पीएम शेख हसीना ने BTV को इंटरव्यू दिया था। शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने नरसिंगडी जिले में एक जेल पर धावा बोलकर सैकड़ों कैदियों को वहां से भगा दिया।

ये है प्रदर्शन की वजह

बता दें कि 1971 में जब बांग्लादेश आजाद हुआ था तो वहां 80 फीसदी कोटा सिस्टम लागू हुआ। इसमें पिछड़े जिलों के लिए 40%, स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में 30% और महिलाओं को 10% का आरक्षण दिया गया। वहीं सामान्य छात्रों के लिए महज 20 फीसदी सीटें रखी गई। बाद में पिछड़े जिलों के आरक्षण को घटाकर 10% कर दिया गया, जिसके बाद सामान्य छात्रों के लिए 45% सीटें आरक्षित हो गई। वहीं स्वतंत्रता सेनानियों के बेटे-बेटियों को मिलने वाले आरक्षण में उनके पोते-पोतियों को भी जोड़ दिया गया।

प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग-

कोटा 56 फीसदी से घटाकर 10 प्रतिशत की जाए।
योग्य कैंडिडेट नहीं मिलने पर मेरिट लिस्ट से हो भर्ती।
सभी उम्मीदवार के लिए परीक्षा एक जैसा हो।
सभी कैंडिडेट के लिए उम्र सीमा एक हो।
एक बार से ज्यादा कोई आरक्षण का इस्तेमाल न कर पाए।

 

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