बांग्लादेश में शेख हसीना को वापस लाने की तैयारी, कुछ बड़ा होने वाला है!

नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके कुछ सहयोगियों को भारत से वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद लेगी। सरकार का कहना है कि हसीना और उनके सहयोगियों पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की […]

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बांग्लादेश में शेख हसीना को वापस लाने की तैयारी, कुछ बड़ा होने वाला है!

Zohaib Naseem

  • November 11, 2024 8:43 am Asia/KolkataIST, Updated 4 days ago

नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके कुछ सहयोगियों को भारत से वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद लेगी। सरकार का कहना है कि हसीना और उनके सहयोगियों पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

 

शरण लेनी पड़ी

 

बता दें कि शेख हसीना पर सरकार विरोधी छात्र आंदोलन को हिंसक तरीके से दबाने का आरोप है. यह आंदोलन जुलाई से अगस्त के बीच हुआ था, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी. आरोप है कि हसीना ने आंदोलन को कुचलने का आदेश दिया, जिसके चलते छात्रों के विरोध ने बड़े विद्रोह का रूप ले लिया. आरोपों के मुताबिक, 5 अगस्त को हालात बेकाबू हो गए और शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी. अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के मुताबिक, इन प्रदर्शनों में 753 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घायल हो गए. वहीं यूनुस ने इस घटना को मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार करार दिया.

 

शिकायत दर्ज की गई

 

इस मामले को लेकर अक्टूबर के मध्य तक शेख हसीना और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध की 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। सरकार का कहना है कि इन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और उनसे जवाब मांगा जाएगा. बांग्लादेश के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरूल ने कहा कि जल्द ही इंटरपोल के जरिए रेड नोटिस जारी किया जाएगा.

 

गिरफ्तारी वारंट नहीं है

 

यह नोटिस इन भगोड़ों की पहचान करने और उन्हें अस्थायी रूप से हिरासत में लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी किया जाता है। हालांकि सरकार का कहना है कि आरोपी कहीं भी क्यों न छुपा हो उसे कानून के दायरे में लाया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक, रेड नोटिस किसी प्रकार का अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं है, बल्कि आरोपी का पता लगाने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध है। इंटरपोल के सदस्य देश अपने संबंधित कानूनों के अनुसार इस नोटिस का पालन करते हैं और प्रत्यर्पण या कानूनी कार्रवाई करते हैं।

 

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