नई दिल्ली: बांग्लादेश में हाल ही में तख्तापलट और उथल-पुथल के बाद, रविवार (18 अगस्त) को सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय फिर से खोल दिए गए। ये संस्थान एक महीने से अधिक समय तक बंद रहे थे। छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण फैली हिंसा के चलते इन्हें बंद करना पड़ा था। विरोध इतना बढ़ गया था कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और फिलहाल वे भारत में हैं।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण से जुड़े सुधारों की मांग को लेकर हाल ही में बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ। यह आंदोलन हिंसक हो गया, जिसके बाद छात्रों की सुरक्षा के लिए 17 जुलाई को सभी शैक्षिक संस्थान अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। विरोध प्रदर्शनों के दबाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना पद छोड़ना पड़ा और उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 15 अगस्त को सभी शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने का निर्देश जारी किया। बांग्लादेश के मशहूर बांग्ला चैनल ‘समय टीवी’ के अनुसार, अंतरिम सरकार की उप सचिव मोसम्मात रहीमा अख्तर की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के निर्देश के बाद 18 अगस्त से शिक्षण गतिविधियां दोबारा शुरू करने का फैसला लिया गया।
‘डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार की सुबह स्कूली छात्र अपने यूनिफॉर्म में स्कूल जाते दिखे। कई बच्चे अपने अभिभावकों के साथ पहुंचे। स्कूलों के खुलने से ढाका शहर की सड़कों पर गाड़ियों का जाम लग गया, जिससे जगह-जगह भारी भीड़ नजर आई। गौरतलब है कि बांग्लादेश में साप्ताहिक कार्य दिवस रविवार से गुरुवार तक होता है।
इस तरह, तख्तापलट और राजनीतिक अस्थिरता के बाद बांग्लादेश के हालात धीरे-धीरे सामान्य होते नजर आ रहे हैं। छात्रों और शिक्षकों ने राहत की सांस ली है क्योंकि एक महीने से अधिक के इंतजार के बाद पढ़ाई फिर से पटरी पर लौट रही है।
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