नई दिल्ली। बांग्लादेश में हुई हिंसा के बाद देश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। वहां स्थिति सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के देश छोड़ने के बाद हिंदुओं के साथ ज्यादती की गई। हिंदुओ के साथ हुई हिंसा और जगह-जगह मंदिर जलाने से अल्पसंख्यंकों का सब्र […]
नई दिल्ली। बांग्लादेश में हुई हिंसा के बाद देश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। वहां स्थिति सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के देश छोड़ने के बाद हिंदुओं के साथ ज्यादती की गई। हिंदुओ के साथ हुई हिंसा और जगह-जगह मंदिर जलाने से अल्पसंख्यंकों का सब्र टूट गया और उन्होंने यूनुस सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया। बड़ी संख्या में हिन्दू सड़क पर आ गए, इधर से भारत ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया।
अब मोहम्मद यूनुस की सरकार बैकफुट पर आ गई है। जिस शेख हसीना के भारत में रहने को लेकर धमकी दी जा रही थी, उसे लेकर भी अब सुर बदल गए हैं। अंतरिम सरकार के एक शीर्ष सलाहकार ने सोमवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में रहने से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने ये भी कहा कि ढाका पहले की तरह ही नई दिल्ली से अच्छे संबंध रखने की कोशिश करेगा।
एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से पूछा गया कि अगर हसीना लंबे समय तक भारत में रहती हैं तो क्या इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध पर असर पड़ेगा। इसका जवाब देते हुए तौहीद हुसैन ने कहा कि यह काल्पनिक प्रश्न है। यदि कोई किसी देश में रहता है तो उससे संबंध क्यों ख़राब होंगे? उन्होंने आगे ये भी कहा कि बांग्लादेश हमेशा कोशिश करेगा कि भारत के साथ अच्छे संबंध रहे। भारत और बांग्लादेश दोनों अच्छे दोस्त हैं।
बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश के अंतरिम पीएम मुहम्मद यूनुस ने कहा कि जब भारत ने विरोध प्रदर्शन को हमारा आंतरिक मामला बताया तो मुझे दुख हुआ। हम इसके लिए भारत को माफ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भाई के घर में आग लग गई तो मैं कैसे कह सकता हूं कि यह अंदर का मामला है? भारत ने हमारा साथ नहीं दिया। हम एक परिवार की तरह है लेकिन जब भारत ने कहा कि यह आतंरिक मामला है तो मुझे दुःख हुआ।
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