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बांग्लादेश: यूनुस को बड़ा झटका, शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग लड़ेगी चुनाव

बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नसीरुद्दीन ने साफ कर दिया है कि शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के चुनाव लड़ने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. सीईसी ने चटगांव सर्किट हाउस में चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह बात कही.

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muhammad yunus, sheikh hasina & cec AMM Nasir Uddin
  • January 1, 2025 9:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 days ago

नई दिल्ली. बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने के बाद बांग्लादेश की राजनीति में जबरदस्त उठापटक चल रही है. वहां पर मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार की मुखिया हैं जो कि शेख हसीना के कट्टर विरोधी माने जाते हैं लिहाजा कभी हसीना के प्रत्यर्पण और कभी उनकी पार्टी के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग होती रहती है. इसी क्रम में सरकार, कोर्ट और वहां के चुनाव आयोग में ढेरों याचिकाएं दाखिल की गईं. खबर है कि चुनाव आयोग ने एक बैठक के दौरान यह साफ कर दिया है कि आवामी लीग चुनाव लड़ सकती है.

सीईसी बोले आवामी लीग पर रोक नहीं

बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नसीरुद्दीन ने कहा है कि जब तक कि सरकार या न्यायपालिका शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग पर प्रतिबंध नहीं लगाती वह चुनाव में भाग ले सकती है. मुख्य चुनाव आयुक्त-सीईसी ने चटगांव सर्किट हाउस में चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह बात कही. नसीरुद्दीन ने यह भी आश्वासन दिया कि बांग्लादेश में चुनाव आयोग को काम करने की पूरी आजादी है और वह नियम-कानून के अनुसार काम करेगा. उन्होंने कहा कि हम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.

फर्जी मतदाताओं से विश्वसनीयता घटी

सीईसी ने पिछले चुनावों में फर्जी मतदाताओं के मुद्दे को भी स्वीकार किया और कहा कि अविश्वास का माहौल नहीं होना चाहिए. मतदाता सूची अपडेशन की आवश्यक प्रक्रिया के बारे में शीघ्र जानकारी दी जाएगी, उम्मीद है कि यह कार्य छह महीनों के भीतर होगा. नसीरुद्दीन ने कहा कि 5 अगस्त के बाद से चुनाव पर राष्ट्रीय सहमति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. यह भी संकेत दिया कि इस वर्ष चुनाव पिछले पैटर्न पर नहीं होंगे.  शेख हसीना के हटने के बाद वहां पर राजनीतिक दल और सरकार तरह तरह के सुझाव दे रहे हैं, मुहम्मद यूनुस ने मतदान की न्यूनतम आयु 17 वर्ष  करने का सुझाव दिया था.

बांग्लादेश में चुनाव 2026 में

इस पर पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने कहा था कि इससे चुनाव आयोग पर दबाव पड़ेगा और चुनाव प्रक्रिया में देरी हो सकती है. आपको बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को आंदोलनकारियों के सामने झुकना पड़ा और वह देश छोड़कर भारत आ गईं थीं. चुनाव को लेकर जो सुझाव आये हैं उसके मुताबिक पूरी प्रक्रिया बनाने में समय लगेगा लिहाजा चुनाव साल 2026 तक खींच सकता है.

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