नई दिल्ली: अजरबैजान ने नागोर्नो-कारबाख इलाके पर वापस कब्जा कर लिया है. इसकी घोषणा खुद अजरबैजान के राष्ट्रपति ने की है. उन्होंने कहा कि 24 घंटे के भीतर ही अजरबैजान की सेना ने अलगाववादियों की फोर्स को सरेंडर करवा दिया है. इसके लिए उन्होंने अपने सेना के जज्बे की तारीफ की. बता दें कि अजरबैजान ने बीते 19 सितंबर को आर्मेनिया के नागोर्नो-कारबाख इलाके में अलगाववादियों के खिलाफ हमला कर दिया था. युद्ध का ऐलान करते हुए अजरबैजान का कहना था कि ये लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक नागोर्नो-कारबाख के अलगाववादी आत्मसमर्पण नहीं कर देते हैं.
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आर्मेनिया के अधिकारीयों ने इस युद्ध की जानकारी दी है. उनका कहना है कि अर्मेनिया की तरफ से सहायता नहीं मिलने के बाद काराबाख में मौजूद अलगाववादीयों ने आत्मसमर्पण कर दिया. आर्मेनियन अधिकारियों ने मृतकों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस हमले में 32 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. वहीं आर्मेनिया के अलगाववादियों ने दावा किया है कि इस हमले में तक़रीबन 200 लोगों की मौत हो गई है जबकि 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
ये पूरा विवाद काराबाख इलाके को लेकर है. काराबाख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान के हिस्से के रूप में मान्यता मिली हुई है. जबकि काराबाख में बड़ी संख्या में आर्मेनियाई लोग रहते हैं. ऐसे में इस इलाके पर आर्मेनिया का कब्ज़ा है. यही वजह है कि काराबाख क्षेत्र को लेकर दोनों देशों की सेना आमने सामने आ गई हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार आर्मेनियाई नागोर्नो-काराबाख इलाके में अजरबैजान ने एक सैन्य अभियान का ऐलान किया है. इस अभियान का मकसद आर्मेनिया के कब्जे से नागोर्नो-काराबाख को पूरी तरह से मुक्त करना है.
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