नई दिल्ली। एंथनी अल्बनीज ऑस्ट्रेलिया के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। शपथ लेने के 24 घंटे बाद वह मंगलवार को टोक्यो में अमेरिका, जापान और भारत के नेताओं से आमने-सामने मुलाकात करेंगे। क्वाड मीटिंग में वह पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया में पिछले दस वर्षों […]
नई दिल्ली। एंथनी अल्बनीज ऑस्ट्रेलिया के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। शपथ लेने के 24 घंटे बाद वह मंगलवार को टोक्यो में अमेरिका, जापान और भारत के नेताओं से आमने-सामने मुलाकात करेंगे। क्वाड मीटिंग में वह पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया में पिछले दस वर्षों से लिबरल पार्टी के शासन का सिलसिला टूट गया है और विपक्षी लेबर पार्टी ने चुनाव जीत लिया है। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने चुनाव में हार स्वीकार करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लेबर पार्टी को स्वतंत्र सांसदों का भी समर्थन मिल सकता है जो सरकार बनाने में पर्यावरण-समर्थक सुधारक हैं।
मारीसन ने लेबर पार्टी के नेता और भावी प्रधान मंत्री, एंथनी अल्बनीज को जीत पर बधाई दी और उन्हें नई जिम्मेदारी पर शुभकामनाएं दीं। मेरिसन ने भी अपनी पार्टी के नेता का पद छोड़ दिया है।
चुनाव परिणाम दिखाते हैं कि मारीसन के लिबरल-नेशनल गठबंधन को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और शहरी क्षेत्रों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। जनमत सर्वेक्षणों में केंद्र-वाम लेबर पार्टी को भी लिबरल पार्टी पर बढ़त मिलती दिखाई दी। यही तस्वीर चुनाव नतीजों में भी सामने आई है।
नई सरकार को पर्यावरण सुधार के समर्थकों का प्रभाव दिखाई दे सकता है, जो मारीसन सरकार की कोयला खनन नीति को प्रभावित कर सकता है। शहरी क्षेत्र में लिबरल पार्टी की हार का कारण पर्यावरण को लेकर उसकी उदासीन नीतियां माना जा रहा है। वहां की मीडिया द्दारा फिलहाल मारीसन सरकार के हार का कारण यही माना जा रहा है।
हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में बाढ़ और जंगल की आग की घटनाओं के लिए सरकारी नीतियों को दोषी ठहराया गया है। तीन वयस्क बच्चों वाली एक कामकाजी महिला, शार्लोट फरवुड, चुनाव परिणामों को आशावादी के रूप में देखती हैं, जिसमें भविष्य बेहतर निहित है।
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