नई दिल्ली :सोमवार(16 जनवरी) को ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत की इच्छा जाहिर की थी. हालांकि,उनके इस बयान को अभी 24 घंटे भी नहीं हुए हैं की पाक के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाया गया है. जहां पाकिस्तानी PMO ने दोनों देशों के बीच […]
नई दिल्ली :सोमवार(16 जनवरी) को ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत की इच्छा जाहिर की थी. हालांकि,उनके इस बयान को अभी 24 घंटे भी नहीं हुए हैं की पाक के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाया गया है. जहां पाकिस्तानी PMO ने दोनों देशों के बीच शांति कायम करने और बातचीत करने के लिए शर्त रखी है.
However the Prime Minister has repeatedly stated on record that talks can only take place after India has reversed its illegal action of August 5, 2019. Without India's revocation of this step, negotiations are not possible. 2/3
— Prime Minister's Office (@PakPMO) January 17, 2023
दरअसल बीते दिनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यूएई के एक चैनल को इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ‘मैं भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को बताना चाहता हूं कि हम शांति से जीना चाहते हैं और अपनी समस्याओं को सुलझाना चाहते हैं.’ दूसरी ओर अगले ही दिन यानी मंगलवार (17 जनवरी) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया है. पाकिस्तानी PMO ने बयान जारी किया है कि यदि भारत 5 अगस्त 2019 की अपनी अवैध कार्रवाई (प्रस्ताव) को वापस लेगा तो ही पकिस्तान भारत के साथ बातचीत करेगा.
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को भारत ने वह प्रस्ताव पास किया गया था जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से आर्टिकल 370 को हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में कर दो केंद्र शासित क्षेत्र बनाने की बात कही गई थी. इसके बाद पकिस्तान ने भारत पर आरोप मढ़े थे कि मुस्लिम बहुल राज्य की जनसांख्यिकी को अवैध रूप से बदलने के मकसद से भारत ने दो केंद्रशासित क्षेत्र बनाने का फैसला किया.
पाकिस्तानी पीएमओ के बयान में पीएम शहबाज शहरीफ के अल अरबिया टीवी को दिए इंटरव्यू का जिक्र किया गया है. इंटरव्यू के ज़िक्र के साथ लिखा गया है, “पीएम ने लगातार दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय मुद्दों को बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से हल करने की बात कही है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार की 5 अगस्त 2019 के प्रस्ताव को वापस लेने के बाद ही बातचीत हो सकती है. भारत जब तक इस प्रस्ताव को रद्द नहीं करेगा, तब तक बातचीत संभव नहीं है.” इसके अलावा पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने भी भारत के साथ बातचीत के लिए 5 अगस्त 2019 के प्रस्ताव के का रद्दीकरण को शर्त बताया है.
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