नई दिल्ली: इस समय भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान के मुद्दे पर तनाव बढ़ता जा रहा है. इसी बीच खबर निकल कर सामने आ रही है कि साल 2022 में पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग कनाडाई अधिकारियों से की थी. पंजाब पुलिस ने साल 1987 की प्रत्यर्पण […]
नई दिल्ली: इस समय भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान के मुद्दे पर तनाव बढ़ता जा रहा है. इसी बीच खबर निकल कर सामने आ रही है कि साल 2022 में पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग कनाडाई अधिकारियों से की थी. पंजाब पुलिस ने साल 1987 की प्रत्यर्पण संधि और 1998 की पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के अलावा इंटरपोल जैसे अन्य दूसरे संस्थानों से कार्रवाई करने की मांग कि थी. इसके बाद भी कनाडा की सरकार ने किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरदीप सिंह निज्जर के प्रत्यर्पण अनुरोध को उसकी मौत के बाद कनाडा की सरकार ने रद्द कर दिया था. रिपोर्ट के अनुसार निज्जर के अलावा खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के नेता अर्शदीप सिंह और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के नेता लखबीर सिंह लांडा के खिलाफ पहले ही प्रत्यर्पण का अनुरोध डाला गया था. बता दें कि NIA की तरफ से जुलाई महीने में एक आरोप पत्र दायर किया गया था. उस पर कार्रवाई करते हुए इंटरपोल ने डाला, सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़, लांडा, मलकीत सिंह फौजी, गुरपिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह और गुरजीत सिंह चीमा सहित अन्य कई लोगों के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा इंटरपोल का सदस्य देश है. इसकी जानकारी खुद एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. उनका कहना है कि कनाडा ने इंटरपोल का सदस्य होने की बाद भी इंटरपोल के रेड नोटिस की अवहेलना की है. उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार एक बार रेड नोटिस जारी होने के बाद इसके सदस्य देश संदिग्ध को हिरासत में लेने के लिए बाध्य होते हैं. बता दें कि कनाडा में कुल मिलाकर 21 प्रमुख गैंगस्टर हैं जो भारतीय एजेंसियों की सूची में शामिल है.
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