नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। लेकिन राष्ट्रपति बनते ही उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। शपथ ग्रहण के कुछ ही मिनटों बाद उन्हें मुकदमे का सामना कर पड़ रहा हैं। अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्प्लॉइज (AFGE) और नॉन-प्रॉफिट पब्लिक सिटिजन ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) योजना को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया है। DOGE का नेतृत्व एलन मस्क कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य सरकारी खर्च में कटौती करना है।

सरकारी दक्षता विभाग की जिम्मेदारी अरबपति एलन मस्क को सौंपी गई है। मस्क की भूमिका को लेकर चिंताएं हैं कि उनकी योजनाओं का सरकारी कर्मचारियों की नौकरियों और हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

मस्क की योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए खतरा

ट्रंप प्रशासन द्वारा प्रस्तावित DOGE योजना का उद्देश्य सरकारी खर्च में 2 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करना है। इस योजना ने सरकारी कर्मचारियों में नौकरी जाने का डर पैदा कर दिया है। AFGE का कहना है कि DOGE योजना संघीय नियमों का पालन नहीं कर रही है और उसने अदालत से अपील की है कि DOGE को सलाहकार समिति के रूप में काम करने से तब तक रोका जाए जब तक कि वह आवश्यक नियमों का पालन नहीं करती।

ट्रंप की घोषणाएं

शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को ‘मुक्ति दिवस’ कहा और कहा कि अमेरिका का ‘स्वर्ण युग’ शुरू हो गया है। अपने प्राथमिक एजेंडा’अमेरिका फर्स्ट’ पर जोर देते हुए ट्रंप ने कहा कि वह देश को सुरक्षित, किफायती और ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए साहसिक कदम उठाएंगे। उन्होंने बाइडेन प्रशासन की नीतियों में बदलाव और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई घोषणाएं की.

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