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गिरफ्तारी वारंट जारी होने से शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, बांग्लादेश को सौंपेगा भारत?

नई दिल्ली. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर उनके देश ने सख्त कदम उठाया है और वहां के एक न्यायधिकरण ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. पिछले दिनों खबर आई थी कि शेख हसीना भारत छोड़कर दूसरे देश में चली गई हैं लेकिन अब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ […]

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गिरफ्तारी वारंट जारी होने से शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, बांग्लादेश को सौंपेगा भारत?
  • October 17, 2024 8:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर उनके देश ने सख्त कदम उठाया है और वहां के एक न्यायधिकरण ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. पिछले दिनों खबर आई थी कि शेख हसीना भारत छोड़कर दूसरे देश में चली गई हैं लेकिन अब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ कर दिया है कि वह भारत में ही हैं. इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत उन्हें बांग्लादेश को सौंप देगा?

शेख हसीना भारत में हैं

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आ गई थीं. मुश्किल घड़ी में उनका साथ भारत ने ही दिया था और वह दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरीं थी. उनके साथ उनकी बहन भी थी. अंतिम बार उन्हें वहीं के शापिंग कॉम्पलेक्स में खरीदारी करते हुए देखा गया था. इसके बाद सुरक्षा कारणों से उनका पता गोपनीय रखा गया. बताते हैं कि शेख हसीना ने इंग्लैंड सहित कई देशों से शरण मांगी थी लेकिन हसीना के अमेरिका के खराब रिश्तों के कारण किसी ने भी उन्हें शरण देने की हिम्मत नहीं जुटाई.

शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

उस समय तो भारत ने उन्हें सहारा दिया लेकिन अब भारत पर दबाव बढ़ता जा रहा है. इसी बीच बांग्लादेश के न्यायधिकरण ने छात्र आंदोलन के दौरान जिन छात्रों की जान गई थी उसमें उन पर हत्या के आरोप पर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. अदालत ने 18 नवंबर तक पेश होने का आदेश दिया है. उन पर मानवाधिकार हनन से जुड़े कई मामले चल रहे हैं. चूंकि भारत और बांग्लादेश में प्रत्यर्पण संधि है इसलिए कानूनी और नैतिक रुप से भारत पर दबाव बढ़ रहा है. बांग्लादेश, भारत से शेख हसीना को सौंपने की मांग करता रहा है.

भारत पर बढ़ा कूटनीतिक दबाव

भारत और बांग्लादेश में 2013 में एक प्रत्यर्पण संधि हुई थी जिसमें 2016 में संशोधन हुआ. इसके मुताबिक एक साल से अधिक सजा वाले अपराध के मामलों में यदि एक देश का अपराधी दूसरे देश में चला जाता है तो उसे दोनों देश एक दूसरे को प्रत्यर्पित कर देंगे. खास बात यह है कि जिस अपराध के लिए प्रत्यर्पण की मांग हो वो दोनों देशों में अपराध होना चाहिए. बांग्लादेश भारत का पड़ोसी मुल्क है और दोनों के अच्छे रिश्ते हैं. भारत, बांग्लादेश से संबंध बिगाड़ना नहीं चाहेगा और किसी भी सूरत में वह शेख हसीना को संकट की घड़ी में अकेले भी नहीं छोड़ना चाहेगा. हालांकि संधि में राजनीतिक मामलों कुछ छूट है लेकिन शेख हसीना पर दोनों तरह के मामले हैं. ऐसे में देखना होगा कि कानूनी और कूटनीतिक रूप से घिरता जा रहा भारत शेख हसीना को बचाने के लिए क्या करता है.

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