नई दिल्ली: आज के समय में तकनीक और आर्किटेक्चर की अद्भुत मिसालें आपको दुनिया भर में मिल जाएंगी. हालांकि, आज भी कुछ ऐसे देश है जहां आने-जाने के लिए सड़क के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. इन देशों में रेलवे प्रोजेक्ट्स शुरू तो हुए लेकिन किसी वजह से तबाह हो गए। 19वीं सदी में […]
नई दिल्ली: आज के समय में तकनीक और आर्किटेक्चर की अद्भुत मिसालें आपको दुनिया भर में मिल जाएंगी. हालांकि, आज भी कुछ ऐसे देश है जहां आने-जाने के लिए सड़क के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. इन देशों में रेलवे प्रोजेक्ट्स शुरू तो हुए लेकिन किसी वजह से तबाह हो गए।
19वीं सदी में शुरू हुए तुर्क साम्राज्य के ध्वस्त पड़े रेल नेटवर्क को एक बार फिर से तैयार करने के लिए जोर-शोर से काम हो रहा है. 8619 किलोमीटर लंबी नेटवर्क लाईन को कभी 30 से अधिक देशों को एक साथ जोड़ता था. उस दौर के बेहतरीन रेल प्रोजेक्ट को पता नहीं किसकी नजर लग गई कि लगभग सौ साल से वीरान पड़ा था.
पहले विश्वयुद्ध के दौरान इस रेलवे प्रोजेक्ट को बुरे दिन शुरू होने लगे. 21वीं सदी आते ही इजरायस समेत कई देशों की उदासीनता और आपसी दुश्मनी के चलते उस समय के सबसे जटील रेलवे तबाह हो गए. अब कई देशों के राजनयिक और कारोबारी पर्यटन के सहारे उस दौर के जटील नेटवर्क को फिर से तैयार करना चाहते है. साल 2018 में पहले हाईस्पीड नेटवर्क की शुरुआत की थी जिसे 2038 तक पश्चिमी अफ्रीका से जोड़ने का योजना बनाई गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार इसी सिलसिले में इजरायल भी चार रेलवे लाइन बना रहा है. इजरायल तो चीन की सहायता से ईरान, सीरिया के पुराने सिल्क रूट को जोड़ते हुए दक्षिणी इराक तक ले जाने की फिराक में है. इसी प्रकार इजिप्ट भी अपने रेलवे को जटील करना चाहता है, इसमें लीबिया, सूडान और सऊदी अरब के लिए नई रेलवे लाइन को शामिल किया गया हैं. इराक ने कुछ दिनों पहले मोसुल के लिए रेल मार्ग शुरू किया है. पुराने ऑटोमन अंपायर के रेल नेटवर्क के लगभग 2500 किलोमीटर के हिस्से को पहले की तरह नई युग की तकनीक से हाईटेक और हाईस्पीड रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की तैयारियां अब शुरू कर दी हैं. इस रूट के काम खत्म होने पर अरब-अफ्रीका एक बार फिर से रेलवे नेटवर्क के जरिए जुड़ जाएंगे।
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