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पाकिस्तान में मारे जा रहे भारत विरोधी मोस्ट वांटेड आतंकवादी…कौन है इसके पीछे?

पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों से भारत विरोधी आतंकियों की रहस्यमयी हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ही पैटर्न पर हो रहे इन हमलों ने न केवल पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों को हैरान कर दिया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

Pakistani Terrorist
inkhbar News
  • March 24, 2025 10:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 days ago

PAK Army Vs Terrorist: पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों से भारत विरोधी आतंकियों की रहस्यमयी हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ही पैटर्न पर हो रहे इन हमलों ने न केवल पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों को हैरान कर दिया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. आखिर इन हत्याओं के पीछे कौन है? क्या यह भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) का काम है या फिर पाकिस्तान की अपनी सेना और ISI की साजिश? या फिर आतंकी संगठनों के बीच आपसी रंजिश का नतीजा?

एक ही पैटर्न और अलग-अलग निशाने

पिछले तीन सालों में पाकिस्तान में कम से कम 19 आतंकी रहस्यमयी परिस्थितियों में मारे गए हैं. इनमें लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), हिजबुल मुजाहिदीन और खालिस्तान से जुड़े आतंकी शामिल हैं. हाल ही में 16 मार्च 2025 को लश्कर-ए-तैयबा का मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल झेलम इलाके में अज्ञात हमलावरों द्वारा मार गिराया गया. इसके बाद 22 मार्च को जमीयत-ए-उलेमा इस्लाम के आतंकी कारी निजामुद्दीन को पंजाब के अटक जिले में मस्जिद से बाहर निकलते वक्त गोली मार दी गई. दोनों ही मामलों में हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार थे और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए. यह पैटर्न 2023 से देखा जा रहा है. जब कराची में जैश-ए-मोहम्मद के मौलाना रहीम उल्लाह तारिक और लश्कर के अकरम खान उर्फ अकरम गाजी को इसी तरह निशाना बनाया गया था.

भारत पर इल्जाम, लेकिन सबूत?

पाकिस्तानी अधिकारियों का दावा है कि इन हत्याओं के पीछे भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का हाथ है. उनका कहना है कि भारत ने 2019 के पुलवामा हमले के बाद अपनी रणनीति बदली और आतंकियों को उनके ठिकानों पर ही खत्म करने की नीति अपनाई. पाकिस्तानी जांच एजेंसियों का आरोप है कि रॉ ने यूएई और अफगानिस्तान से संचालित स्लीपर सेल्स के जरिए इन हत्याओं को अंजाम दिया. मसलन 2022 में कराची में कश्मीरी आतंकी जाहिद अखुंद की हत्या में रॉ ने एक स्थानीय अपराधी को पैसे देकर उसकी पहचान पक्की की थी. लेकिन भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि ‘विदेशों में टारगेट किलिंग्स हमारी नीति नहीं है.’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा ‘अगर कोई आतंकी पड़ोसी देश से भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान में घुसकर मारेंगे.’

पाकिस्तान की अपनी साजिश?

कई जानकार मानते हैं कि इन हत्याओं में पाकिस्तान की सेना और ISI की भी भूमिका हो सकती है. फॉरेन एक्सपर्ट राजन कुमार का कहना है कि पाकिस्तान में आतंकियों को खत्म करने के लिए तीन तरह की कार्रवाइयां हो रही हैं. पहली, ISI और सेना की ओर से टीटीपी जैसे गुटों के खिलाफ ऑपरेशन; दूसरी, आतंकी गुटों के बीच आपसी टकराव; और तीसरी, भारत पर इल्जाम लगाकर अपनी नाकामियों को छिपाना. 21 मार्च 2025 को पेशावर में सेना के एक ऑपरेशन में 10 आतंकी मारे गए. जिसे पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ सफाई अभियान बताया. लेकिन सवाल यह है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद मिटाना चाहता है तो वह इन हत्याओं को सार्वजनिक क्यों नहीं करता? जानकारों का मानना है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के दबाव में पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकियों की मौजूदगी को छिपाने की कोशिश कर रहा है.

आतंकी संगठनों की आपसी रंजिश

एक तीसरा पहलू यह भी है कि आतंकी संगठनों के बीच आपसी टकराव भी इन हत्याओं की वजह हो सकता है. सिख रिवोल्यूशनरी आर्मी ने 2023 में पंजाब अहमद अंगर की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. जिसने तालिबान को भी हिलाकर रख दिया. इसी तरह सिंधुदेश रिवोल्यूशनरी आर्मी ने लश्कर से जुड़े सरदार हुसैन अरैन की हत्या का दावा किया था. यह साफ करता है कि पाकिस्तान में आतंकी गुटों के बीच सत्ता और संसाधनों की लड़ाई भी इन हत्याओं का कारण हो सकती है.

भारत की सख्त नीति का नतीजा या पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा

पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकियों की रहस्यमयी हत्याएं एक जटिल पहेली बनी हुई हैं. भारत पर लग रहे इल्जामों के बावजूद ठोस सबूतों का अभाव है. वहीं पाकिस्तान की चुप्पी और आतंकी गुटों की आपसी लड़ाई इस मामले को और उलझा रही है. क्या यह भारत की सख्त नीति का नतीजा है या पाकिस्तान की अपनी रणनीति का हिस्सा? सच्चाई अभी धुंधली है. लेकिन यह साफ है कि इन हत्याओं ने क्षेत्रीय सुरक्षा और भारत-पाक संबंधों पर गहरा असर डाला है.

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