Shahbaz Sharif On Kashmir: पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अपने वादों पर खरा उतरे और ऐसा कदम उठाए, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोग आत्मनिर्णय के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें.
नई दिल्ली: 5 जनवरी 2025 को पाकिस्तान में कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर कई आरोप लगाए और एक बार फिर जनमत संग्रह की बात की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा जम्मू और कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के पक्ष में खड़ा रहा है और भविष्य में भी कश्मीरियों का राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन जारी रखेगा।
शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र के 1949 के प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा कि यह प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र और निष्पक्ष जनमत संग्रह की गारंटी देता है। उन्होंने यह भी बताया कि आत्मनिर्णय का अधिकार संयुक्त राष्ट्र चार्टर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हर साल संयुक्त राष्ट्र महासभा इसका समर्थन करती है। उनका कहना था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कश्मीर के लोग सात दशकों से इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह अपने वादों पर खरा उतरे और जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार देने के लिए ठोस कदम उठाए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने, राजनीतिक कैदियों की रिहाई और कश्मीरी लोगों के मौलिक अधिकारों को बहाल करने की आवश्यकता पर बल दिया।
शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि भारत 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करके जम्मू और कश्मीर पर अपने कब्जे को और मजबूत कर रहा है और इसका उद्देश्य कश्मीरी मुसलमानों को उनकी मातृभूमि में अल्पसंख्यक बना देना है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी इस मामले में समर्थन व्यक्त किया और कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों को राजनीतिक, कूटनीतिक और नैतिक समर्थन प्रदान करता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत जम्मू और कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार देने से इनकार कर रहा है और उन्हें उत्पीड़न तथा हिंसा का शिकार बना रहा है।
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