September 17, 2024
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बढ़ती महंगाई के बीच पाकिस्तानियों को एक और झटका, बिजली की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी

नई दिल्ली। पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के बीच फरवरी से खपत होने वाली बिजली के लिए लोगों को 4.8 रुपये प्रति यूनिट की अतिरिक्त कीमत चुकाना होगा. बता दें कि नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी (एनईपीआरए) ने ईंधन लागत समायोजन (एफसीए) के कारण फरवरी महीने के लिए बिजली दरों में 4.8 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की है. कुछ दिन पहले देश की सत्ता संभालने वाले प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी बिजली वितरण कंपनियों को बिजली उपभोक्ताओं से ज्यादा चार्ज वसूलने की इजाजत दे दी है. इससे लोगों की जेब पर अधिक बोझ पड़ रहा है. पाकिस्तान के लोग पहले से ही टैक्स की मार झेल रहे हैं.

फरवरी से ही बढ़ी कीमतों के अनुसार लगेगा बिल

बिजली वितरण कंपनियां (DISCOS) सभी उपभोक्ता श्रेणियों से अप्रैल 2022 के बिलिंग महीने में फरवरी 2022 का ईंधन लागत समायोजन (FCA) चार्ज करेंगी. सेंट्रल पावर परचेजिंग एजेंसी (सीपीपीए-जी) ने बिजली उपभोक्ताओं पर 38.4 अरब रुपये का बोझ डालने के लिए बिजली नियामक से 4.9441 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि की अनुमति देने का अनुरोध किया था. Nepra ने 31 मार्च को एक जन सुनवाई के दौरान बिजली उपभोक्ताओं पर करीब 37.7 अरब रुपये का अतिरिक्त बोझ डालने के लिए प्रति यूनिट 4.8530 रुपये की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी.

अंधेरे में अदा करनी पड़ी नमाज

आपको बता दें कि पाकिस्तान की वर्तमान सरकार ने कराची में लोड शेडिंग की समस्या को हल करने के दावे किए हैं. हाल ही में वहां बिजली कटौती के कारण लोगों को रमजान के दौरान अंधेरे में तरावीह की नमाज अदा करनी पड़ी. मौजूदा सरकार ने इसके लिए इमरान खान की पूर्व सरकार को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि, जिस तर्ज पर नई सरकार ने बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी को हरी झंडी दिखाई है, वह लोगों को भड़का सकती है और इमरान खान को सरकार पर हमला करने के लिए एक और बिंदु दे सकती है.

 

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