नई दिल्ली: अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में बीते शनिवार को इंडिया-यूएन फॉर ग्लोबल साउथ डिलीवरिंग फॉर डेवलपमेंट का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान भारत की जी-20 अध्यक्षता को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने सराहना की और कहा कि इस समूह में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाना ऐतिहासिक साबित […]
नई दिल्ली: अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में बीते शनिवार को इंडिया-यूएन फॉर ग्लोबल साउथ डिलीवरिंग फॉर डेवलपमेंट का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान भारत की जी-20 अध्यक्षता को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने सराहना की और कहा कि इस समूह में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाना ऐतिहासिक साबित हुई. इंडिया-यूएन फॉर ग्लोबल साउथ डिलीवरिंग फॉर डेवलपमेंट कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान फ्रांसिस ने कहा कि अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाने के बाद ग्लोबल साउथ में सहयोग और एकजुटता मजबूत होगी.
इस कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया. उन्होंन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर-दक्षिण के विभाजन और पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण के कारण भारत की जी-20 की अध्यक्षता चुनौतीपूर्ण रही. उन्होंने आगे कहा कि भारत पूरी तरह से यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध था कि भारत की अध्यक्षता जी-20 अपने मूल एजेंडे पर वापस आ सके. उन्होंने कहा आप का यहां उपस्थित होना हमारे लिए बहुत मायने रखता है.
इस सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ से भारत का सिर्फ नीतिगत जुड़ाव नहीं है. उन्होंने कहा हमारे बीच दर्शन और संस्कृति अंतर्निहित है. रुचिरा कंबोज ने आगे कहा कि कोरोना जैसी महामारी के दौर में भी भारत ने दुनिया की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया और 150 देशों को दवाओं की सप्लाई की साथ ही लगभग 100 देशों को टीके भी दिए गए. इसके लिए भारत को वैश्विक फार्मेसी उपनाम दिया गया है.
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