नई दिल्ली, पाकिस्तान में इस समय सियासी सरगर्मियां ज़ोरो पर हैं, ऐसे में संसद में बवाल छिड़ गया है. एक और, विपक्ष बहुमत का दावा पेश कर रहा है तो वहीं, दूसरी और स्पीकर का कहना है कि वो इमरान के साथ दग़ाबाज़ी नहीं कर सकते, इसलिए वे संसद में वोटिंग नहीं करवाएंगे. इस गहमा-गहमी […]
नई दिल्ली, पाकिस्तान में इस समय सियासी सरगर्मियां ज़ोरो पर हैं, ऐसे में संसद में बवाल छिड़ गया है. एक और, विपक्ष बहुमत का दावा पेश कर रहा है तो वहीं, दूसरी और स्पीकर का कहना है कि वो इमरान के साथ दग़ाबाज़ी नहीं कर सकते, इसलिए वे संसद में वोटिंग नहीं करवाएंगे. इस गहमा-गहमी को देखते हुए संसद को रात 10 बजे तक स्थगित कर दिया गया है.
इमरान खान की सरकार इस समय सियासी संकट से घिर चुकी है. सभी राजनैतिक दावपेच जो विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए लगाए गए थे वो बेकार होते नज़र आ रहे हैं. वहीं अब अपने इस्तीफे से पहले इमरान खान ने तीन शर्तें रखी हैं. इमरान खान की पहली शर्त है कि कुर्सी छोड़ने के बाद उनकी गिरफ़्तारी न हो, दूसरी शर्त है कि कुर्सी छोड़ने के बाद उनके किसी मंत्री की तुरंत गिरफ्तारी न हो, तीसरी शर्त है, शहबाज़ शरीफ की जगह किसी और को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया जाए.
पाकिस्तान में तेजी से सियासी घटनाक्रम बदल रहे हैं, नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवाने से स्पीकर असद कैसर ने साफ़ इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि वो अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवाकर इमरान खान के साथ थोखा नहीं कर सकते, इसके उन्हें कोई भी सज़ा दी जा सकती है.
अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले इमरान खान की सरकार में मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी की जुबान से असलियत निकल ही गई. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले ही हार मान ली है. उन्होंने कहा कि ” आज हम हैं लेकिन कल नहीं होंगे.” आगे महमूद कुरैशी का दर्द छलक आया और उन्होंने कहा कि ऐसा कब हुआ है, जब बहुमत से चुनी हुई सरकार को इस तरह से सत्ता से बेदखल कर दिया.